7 अक्टूबर 2023। मिशन रानीगंज एक हिंदी और बंगाली बायोपिक-ड्रामा फिल्म है जो वास्तविक जीवन की कहानी पर आधारित है। यह फिल्म जसवंत सिंह गिल की कहानी बताती है, जो एक अतिरिक्त मुख्य खनन इंजीनियर थे जिन्होंने 1989 में रानीगंज, पश्चिम बंगाल में बाढ़ वाली कोयला खदान में फंसे 65 खनिकों को निकालने के लिए एक टीम का नेतृत्व किया था।
फिल्म आकर्षक और अच्छी तरह से शोधित है, जिसमें मिनट के विवरण हैं जो इसे अलग बनाते हैं। यह हृदयस्पर्शी भी है, खनिकों की लचीलाता और समर्पण दिखा रहा है।
हालांकि, फिल्म में कुछ खामियां भी हैं। परिणीति चोपड़ा की भूमिका सजावटी और अनावश्यक है, और बंगाली bashing स्पष्ट है। इसके अतिरिक्त, कुल जोर जसवंत सिंह गिल पर है, अन्य पात्रों को उनका हक नहीं दिया जा रहा है।
इन खामियों के बावजूद, मिशन रानीगंज एक ऐसी फिल्म है जिसे देखा जा सकता है जो खनिकों के जीवन और उनके द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों को उजागर करती है। यह उन बलिदानों की भी याद दिलाता है जो जसवंत सिंह गिल जैसे लोग दूसरों को बचाने के लिए करते हैं।
फिल्म से कुछ प्रमुख बातें:
खनिक जोखिम भरा जीवन जीते हैं, लेकिन उनके योगदान को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।
सर्वहारा वर्ग के जीवन को अक्सर व्यवसाय में बड़े शॉट्स के अहंकार की तुलना में कुछ नहीं माना जाता है।
भ्रष्टाचार विभिन्न स्तरों पर व्याप्त है।
भारत में खनिकों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जाता है उसमें अभी भी सुधार की काफी गुंजाइश है।
कुल मिलाकर, मिशन रानीगंज एक अच्छी तरह से बनाई गई फिल्म है जो देखने लायक है।
मिशन रानीगंज: कुछ खामियों के साथ एक आकर्षक मानवीय नाटक
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 4230
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