
1 सितंबर 2024। बॉलीवुड की दिग्गज निर्देशक जोया अख्तर ने एक बार फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लागू होने वाली सेंसरशिप के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि स्क्रीन पर हिंसा और यौन शोषण जैसे दृश्य दिखाना तो स्वीकार्य है, लेकिन दो व्यक्तियों के बीच सहमति से हुए किसिंग सीन को सेंसर किया जाना न्यायसंगत नहीं है।
जोया अख्तर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा, "मैं ऐसे माहौल में पली-बढ़ी हूं जहां स्क्रीन पर महिलाओं के साथ मारपीट और शोषण जैसे दृश्य आम थे। लेकिन जब बात किसिंग सीन की आती है तो सेंसर बोर्ड कैंची चलाने में जरा भी नहीं हिचकिचाता। यह दोहरी मानसिकता क्यों?"
उन्होंने आगे कहा, "हर फिल्म की कहानी को बताने का तरीका अलग होता है। अगर हम रमेश सिप्पी की फिल्म 'शोले' की बात करें तो उसमें हिंसा का जो स्तर दिखाया गया था, वह अपने समय से काफी आगे था। तो फिर हम दर्शकों को क्या दिखाना चाहते हैं? अगर हम सांस्कृतिक मतभेदों की बात करें तो फ्रांसीसी अमेरिकियों की तुलना में नग्नता को लेकर काफी अधिक खुले हैं।"
जोया अख्तर ने 'गली बॉय', 'दिल धड़कने दो' और 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' जैसी कई सुपरहिट फिल्मों का निर्देशन किया है। उनके इस बयान पर उनके पिता, जाने-माने शायर और लेखक जावेद अख्तर ने भी समर्थन जताया है।