
भारतीय फिल्म उद्योग में यौन शोषण का मुद्दा आया सामने
4 सितंबर 2024। भारतीय फिल्म उद्योग में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न का मुद्दा अब एक खुला रहस्य बन गया है। हाल ही में, एक मलयालम फिल्म अभिनेत्री द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद यह मुद्दा चर्चा का केंद्र बना है। अभिनेत्री ने आरोप लगाया था कि फिल्म उद्योग में काम पाने के लिए उससे यौन संबंध बनाने के लिए कहा गया था।
मलयालम फिल्म उद्योग में हेमा समिति की रिपोर्ट
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, केरल सरकार ने जस्टिस हेमा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग में काम करने वाली महिलाओं को अक्सर कास्टिंग काउच का सामना करना पड़ता है और उन्हें यौन शोषण का शिकार बनाया जाता है।
कास्टिंग काउच क्या है?
कास्टिंग काउच एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल फिल्म उद्योग में यौन शोषण के लिए किया जाता है। इसमें फिल्म उद्योग में काम पाने के लिए महिलाओं से यौन संबंध बनाने के लिए कहा जाता है। यह एक गंभीर अपराध है और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
महिलाओं के लिए चुनौतियां
फिल्म उद्योग में काम करने वाली महिलाओं के लिए कई तरह की चुनौतियां हैं। उन्हें न सिर्फ कास्टिंग काउच का सामना करना पड़ता है, बल्कि उन्हें असमान वेतन और भेदभाव का भी सामना करना पड़ता है।
क्या हैं इस समस्या के समाधान?
इस समस्या के समाधान के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं, जैसे कि:
कानून में बदलाव: यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानूनों को और मजबूत बनाना चाहिए।
जागरूकता फैलाना: लोगों को यौन उत्पीड़न के बारे में जागरूक करना चाहिए।
शिकायत प्रक्रिया को आसान बनाना: पीड़ितों को अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए एक आसान प्रक्रिया उपलब्ध करानी चाहिए।
सुरक्षित वातावरण बनाना: फिल्म उद्योग में एक सुरक्षित वातावरण बनाना चाहिए ताकि महिलाएं बिना किसी डर के काम कर सकें।
कास्टिंग काउच एक गंभीर समस्या है और इसे खत्म करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। सरकार, फिल्म उद्योग और समाज के सभी वर्गों को इस समस्या से निपटने के लिए मिलकर काम करना होगा।