
5 मार्च 2025। भारतीय शेयर बाजार पिछले पांच महीनों से लगातार गिरावट का सामना कर रहा है, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। यह गिरावट अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच दर्ज की गई है, जो पिछले 29 वर्षों में सबसे लंबी मंदी मानी जा रही है।
🔴 बाजार में ऐतिहासिक गिरावट
शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। सेंसेक्स में 15% और निफ्टी में 16% की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों को लगभग ₹22 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। यह राशि पाकिस्तान जैसे तीन देशों की अर्थव्यवस्था के बराबर बताई जा रही है।
🔴 बड़ी कंपनियों को भारी नुकसान
भारत के प्रमुख औद्योगिक समूह भी इस गिरावट से अछूते नहीं रहे।
अडानी एंटरप्राइजेज को ₹1.75 लाख करोड़ का नुकसान हुआ।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को ₹92,000 करोड़ की हानि हुई।
रिलायंस इंडस्ट्रीज को भी हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
🔴 निवेशकों में बढ़ता भय
शेयर बाजार में आई इस ऐतिहासिक गिरावट का सीधा असर खुदरा निवेशकों पर पड़ा है। 61 लाख से अधिक लोगों ने अपने म्यूचुअल फंड SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) अकाउंट बंद कर दिए हैं। यह दर्शाता है कि निवेशकों के बीच बाजार को लेकर चिंता बढ़ रही है।
🔴 नए निवेशकों को सबसे अधिक नुकसान
भारत में पिछले कुछ वर्षों में युवाओं के बीच शेयर बाजार में निवेश करने का चलन बढ़ा है। वर्ष 2018 में 30 वर्ष से कम उम्र के निवेशकों की संख्या 25% थी, जो 2024 में बढ़कर 40% हो गई। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, इन निवेशकों में से 93% को नुकसान उठाना पड़ा है।
🔴 F&O ट्रेडिंग में बड़ा घाटा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग करने वाले 1 करोड़ से अधिक निवेशकों को ₹81,000 करोड़ का शुद्ध घाटा हुआ है। इनमें से ज्यादातर निवेशक ऐसे हैं जिनकी सालाना आय ₹5 लाख से कम है।
🔴 आर्थिक विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार की यह गिरावट वैश्विक अनिश्चितता, महंगाई, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और विदेशी निवेशकों की सतर्कता के कारण हो रही है। हालांकि, बाजार में गिरावट के बावजूद, लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह एक अवसर भी साबित हो सकता है।
क्या यह गिरावट अल्पकालिक है या लंबे समय तक जारी रहेगी? यह आने वाले महीनों में ही स्पष्ट होगा।