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"तैमूर" नहीं बन सकेगा 5000 करोड़ की संपत्ति का वारिस

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 18712

भोपाल नवाब की जायदाद पर होगा सरकार का स्वामित्व

करीना और सैफ अली खान मंगलवार को एक बेटे के माता-पिता बन गए. लेकिन जैसे ही खान परिवार ने बेटे का नाम तैमूर अली खान पटौदी घोषित किया तो सोशल मीडिया पर एक बहुत बड़ा वर्ग इस नाम को रखे जाने को लेकर सैफ और करीना की आलेचना करने लगा.सोश्ल मीडिया का बहस का दौर जारी है. इसी बीच तैमूर से जुड़ी हर खबर सुर्खियां बटोर रही है.



इसी सिलसिले में एक खबर यह भी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शत्रु संपत्ति संबंधी अध्यादेश को पांचवी बार जारी कर दिया है जिसके चलते सैफ अली खान-करीना का बेटा तैमूर अली खान पटौदी पिता सैफ की 5000 करोड़ की संपत्ति का वारिस नहीं बन पाएगा. इस अध्यादेश की वजह से भोपाल के आखिरी नवाब और सैफ के परदादा हमीदुल्ला खान की पूरी चल-अचल जायदाद पर सरकार का स्वामित्व हो जाएगा.



"शत्रु संपत्ति" ऐसी कोई भी संपत्ति है जो किसी शत्रु या शत्रु कंपनी की है या उसके द्वारा संपत्ति का प्रबंधन किया जा रहा है. सरकार ने इन संपत्तियों को केंद्र सरकार के तहत स्थापित भारत के शस्त्रु संपत्ति के कस्टोडियन के कब्जे में सौंप रखा हैं. भारत पाकिस्तान के बीच 1965 में हुये युद्ध के बाद 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया था.मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि चूंकि नोटबंदी के मसले पर बार बार संसद की कार्यवाही स्थगित होने की वजह से इससे संबंधित विधेयक पारित नहीं किया जा सका, इसलिए इस अध्यादेश को फिर से जारी करने की आवश्यकता हुई.



शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय कर रहा है मामले की जांच

एक खबर के मुताबिक, भोपाल में नवाब खानदान की पूरी संपत्ति हमीदुल्ला के नाम थी. 1962 में नवाब की मृत्यु के बाद उनकी मंझली बेटी साजिदा सुल्तान यानी सैफ की दादी को उत्तराधिकारी बनाया गया. नवाब की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान वर्ष 1950 में पाकिस्तान चली गईं थी. ऐसे में पाकिस्तान में रहने वाली उनकी बड़ी बेटी आबिदा को उत्तराधिकारी बताते हुए शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 के तहत कार्रवाई की जा रही है. शत्रु संपत्ति कार्यालय केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करता है. हालांकि पटौदी इसे शत्रु संपत्ति मानने पर ऐतराज जता रहा है.







Source: thebureaucratnews.com

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