
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में शामिल होने से वंचित रहने के तीन दिन बाद आज सोमवार को भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) का सदस्य बन गया है। विदेश सचिव एस जयशंकर फ्रांस, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग के राजदूतों की मौजूदगी में एमटीसीआर में शामिल होने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत आज सुबह एमटीसीआर में शामिल हो गया, इस समूह के 35वें सदस्य के रूप में भारत का प्रवेश अंतरराष्ट्रीय अप्रसार के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में परस्पर लाभकारी होगा। एमटीसीआर दुनिया के चार महत्वपूर्ण परमाणु प्रौद्योगिकी निर्यात करने वाले महत्वपूर्ण देशों के समूह में से एक है।
चीन और कुछ अन्य देशों के कड़े विरोध की वजह से एनएसजी में जगह बना पाने में नाकाम भारत को एमटीसीआर से कई फायदे होंगे। अमेरिका के साथ हुई न्यूक्लियर डील के बाद से ही भारत निर्यात कंट्रोल करने वाली संस्थाओं जैसे एनएसजी, एमटीसीआर, द ऑस्ट्रेलिया ग्रुप और द वासेनार अरेंजमेंट का हिस्सा बनने की कोशिश में था।
आप को बता दें कि यह समूह परंपरागत, न्यूक्लियर, बायालॉजिकल एंड केमिकल वेपंस तथा तकनीक को रेगुलेट करते हैं। एमटीसीआर की सदस्यता मिलने के बाद भारत हाई-एंड मिसाइल टेक्नोलॉजी खरीद पाएगा तथा रूस के साथ अपने संयुक्त उपक्रमों को भी बढ़ावा दे सकेगा।