मोबिलिटी इंस्टिट्यूट के ईज़ ऑफ मूविंग इंडेक्स में हुआ खुलासा
● ओला के थिंक टैंक, ओला मोबिलिटी इंस्टिट्यूट की एक हालिया रिपोर्ट ईज़ ऑॅफ मूविंग इंडेक्स ने मोबिलिटी विकल्पों के इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थात्विपूर्णता एवं पेश की जाने वाली सेवा के आधार पर शहरों को बेंचमार्क किया
● भोपाल के 85% निवासी महसूस करते हैं कि पिछले 5 वर्षों में मोबिलिटी की स्थिति में सुधार हुआ है
● इंडेक्स 92 मिलियन से अधिक आबादी वाले 20 शहरों में भारतीय यात्रियों की मोबिलिटी वरीयताओं और आकांक्षाओं के बारे में बताता है।
2 नवंबर, 2018। स्थायीपूर्ण मोबिलिटी इकोसिस्टम के निर्माण के लिए आधार तैयार करने के प्रयास में, ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट, ने आज भारत का पहला ईज़ ऑफ मूविंग इन्डेक्स, 2018 जारी किया। ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट दुनिया के सबसे बड़े राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म में से एक ओला की रिसर्च एवं आउटरीच शाखा है। रिपोर्ट से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, भारत में सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल सबसे अधिक भोपाल में किया जाता है। शहर को इस मोड को वरीयता दिये जाने के मामले में दूसरे पायदान पर रखा गया और औसत ट्रिप लंबाई में इसने शीर्ष स्कोर प्राप्त किया। इस रिपोर्ट में शहरों के लिए व्यापक कार्य योजना लाने की बात कही गई है ताकि उनके सार्वजनिक परिवहन तंत्र को और मजबूत करने के साथ ही मोबिलिटी की
समग्र हालत को बेहतर बनाया जा सके।
इस रिपोर्ट को माननीय केंद्रीय मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार, नितिन गडकरी द्वारा जारी किया गया। इस मौके पर ओला के सह-संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल व अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
मोबिलिटी के लिए शहर-विशिष्ट होने की जरूरत है, इस रिपोर्ट में देश भर के 20 शहरों के 43,000 से अधिक उत्तरदाताओं के बीच सर्वेक्षण किया गया है। इन शहरों को पांच मानदंडों - स्केल, कैरेक्टर, कल्चर, इकोनॉमी और जियोग्राफी के आधार पर चुना गया था। इसमें 50+ पैरामीटर मानदंडों को ध्यान में रखते हुए मूल्यांकन किया गया जिन्हें मूल्यांकन के स्तंभ के तौर पर जनता, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्थायित्व में बांटा गया था।
यह रिपोर्ट वर्तमान परिवहन सुविधाओं की सुलभता, दक्षता और सुरक्षा का आकलन करती है। चूंकि स्थायित्व समय की आवश्यकता है, इसलिए इंडेक्स एक रोडमैप प्रदान करता है, जो ट्रांजिट एजेंसियों और शहरी योजनाकारों को पूरी समझदारी से निर्णय लेने और यात्रियों की प्राथमिकताओं के अनुसार समाधानों को तैयार करने में सहायता करेगा।
इस रिपोर्ट में भोपाल में मोबिलिटी परिदृश्य के बारे में भी कुछ और रोचक जानकारियों का खुलासा किया गया है। इनमें से कुछ इस तरह हैं :
मोड प्रेफरेंस की बात करें तो 46 प्रतिशत लोग सार्वजनिक परिवहन का पक्ष लेते हैं
भोपाल में 91 प्रतिशत यात्री पर्यावरण को लेकर संवेदनशील हैं और पर्यावरण हितैषी वाहनों को
अपनाते हैं
सार्वजनिक परिवहन के 81 प्रतिशत उपयोक्ता इसे स्थायी रूप से एक्सेस करते हैं
53 प्रतिशत युवा आबादी के पास साइकिलें हैं और इनमें से 94 प्रतिशत या तो यात्रा या मौज-मस्ती या फिर दोनों के लिए चलाते हैं
74 प्रतिशत लोगों का मानना है कि ट्रांजिट स्टॉप्स पर पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया जाना चाहिये इवेंट के लॉन्च के दौरान माननीय केंद्रीय मंत्री, सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरुद्धार, नितिन गडकरी ने कहा, द ईज़ ऑफ मूविंग इंडेक्स शहरों के लिए मोबिलिटी की स्थिति का आकलन करने के लिए एक सराहनीय प्रयास है। इस रिपोर्ट में महत्वपूर्ण जानकारी है जोकि प्रदूषण, भीड़भाड़ और सुरक्षा से निपटने के लिए स्मार्ट फैसले लेने और व्यापक पैमाने पर लोगों के लिए मोबिलिटी बेहतर बनाने हेतु डायनैमिक सॉल्यूशंन का निर्माण करने में सार्वजनिक हितधारकों, सिटी एडमिनिस्ट्रेटर्स और सिटी प्लानर्स की मदद कर सकती है।
ओला के सह-संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा, मोबिलिटी में क्रांति अभी शुरू हो रही है, और हमें विश्वास है कि मोबिलिटी इकोनॉमी का उद्भव देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए उत्प्रेरक हो सकता है। ईज़ ऑफ मूविंग इंडेक्स हमें शहरों और नागरिकों के लिए मोबिलिटी के महत्व का आकलन करने में मदद करता है। ओला मोबिलिटी इंस्टिट्यूट ऐसी परियोजनाओं पर काम करेगा जिससे मोबिलिटी को आर्थिक विकास में योगदान देने में मदद मिलेगी और हम बेहतर मोबिलिटी के लिए ईज़ ऑफ मूविंग इंडेक्स को वार्षिक बेंचमार्क के तौर पर मजबूत करने के लिए साझेदारी का स्वागत करते हैं।
अभी तक हुई प्रगति का विश्लेषण करने के लिए, ईज़ ऑफ मूविंग इंडेक्स एक लिटमस टेस्ट की तरह सेवायें देता है और यह भी आकलन करता है कि क्या लोगों का परिवहन बर्ताव स्थायित्वपूर्ण मोबिलिटी की अवधारणा के अनुरूप है। शेयर्ड मोबिलिटी की तीव्र वृद्धि और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की इच्छा से यह संकेत मिलता है कि भारत स्थायित्वपूर्ण परिवहन के अगले दौर में प्रवेश करने के लिए तैयार है। आप पूरी रिपोर्ट यहां से डाउनलोड कर सकते हैं।
ओला मोबिलिटी इंस्टिट्यूट के विषय में ओला मोबिलिटी इंस्टिट्यूट ओला की रिसर्च एवं आउटरीच इकाई है जोकि भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए मोबिलिटी एवं इनोवेशन के हलचल मचाने वाले सामर्थ्य का लाभ उठाती है। अगस्त 2018 में शुरू किये गये इस इंस्टिट्यूट में रणनीतिक चिंतनकारों,शोधकर्ताओं, शिक्षणविदों और नीति विशेषज्ञों की टीम शामिल है। इंस्टिट्यूट पांच स्तंभों- मोबिलिटी एक सेवा के तौर पर, मोबिलिटी इनोवेशन की जलवायु उपस्थिति, कौशल विकास एवं नौकरी सृजन,परिवहन-उन्मुख शहरी नियोजन और मोबिलिटी के डिजिटलीकरण पर केंद्रित ज्ञान का ढांचा विकसित करेगा।
ओला के विषय में:
2011 में भाविश अग्रवाल और अंकित भाटी द्वारा स्थापित ओला दुनिया की सबसे बड़ी राइड- शेयरिंग कंपनियों में से एक है। ओला ग्राहकों और ड्राइवर पार्टनर्स के लिए शहरी परिवहन को एक मोबाइल टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर एकीकृत करता है। यह सुविधाजनक, पारदर्शी और त्वरित सेवा पूर्ति सुनिश्चित करता है। ओला ने सर्वश्रेष्ठ तकनीक का लाभ उठाने और इनोवेटिव साल्युशन ग्राउंड-अप का निर्माण करने पर ध्यान केन्द्रित किया है, जो वैश्विक स्तर पर अमल करने योग्य हैं। वर्ष 2016 में राइड-शेयरिंग के लिये दुनिया के पहले कनेक्टेड कार प्लेटफॉर्म ओला प्ले को लॉन्च किया गया था। इसके माध्यम से यातायात के अनुभवों को परिवर्तित किया जा रहा है और इस क्षेत्र में वैश्विक नवाचार के लिये एक परिवेश बनाया जा रहा है। ओला मोबाइल एप का उपयोग करते हुए, 110 से अधिक शहरों के उपयोगकर्ता कैब, ऑटो रिक्शा और टैक्सियों के लिए एक मिलियन से अधिक ड्राइवर्स के साथ जुड़ सकते हैं। हाइपरलोकल दृष्टिकोण द्वारा अभिप्रेरित ओला एक अरब लोगों के लिये गतिशीलता का निर्माण करने के अपने मिशन को लेकर प्रतिबद्ध है।
भारत में सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल में अव्वल है भोपाल : ओला
Place:
Bhopal 👤By: डिजिटल डेस्क Views: 4047
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