
16 अगस्त 2024। क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस ने भारत में एक बार फिर से अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। कंपनी ने भारतीय वित्तीय खुफिया इकाई (FIU) के साथ पंजीकरण कराते हुए 22.5 मिलियन डॉलर का जुर्माना भी अदा कर दिया है। इससे पहले कंपनी पर धन शोधन निरोधक कानून (PMLA) के उल्लंघन का आरोप लगा था।
बाइनेंस के लिए यह 19वां अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस है। कंपनी के सीईओ रिचर्ड टेंग ने कहा कि भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) मार्केट में काफी संभावनाएं हैं और FIU के साथ पंजीकरण एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
GST का भी भुगतान
बाइनेंस को हाल ही में भारत में 772 करोड़ रुपये का जीएसटी भुगतान करने का नोटिस भी मिला था। यह नोटिस जीएसटी इंटेलिजेंस के जनरल द्वारा जारी किया गया था। कंपनी पर भारतीय ट्रेडर्स से वसूली गई एक फीस को विदेश में ट्रांसफर करने का आरोप था।
सरकार का रुख
भारत सरकार ने अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई स्पष्ट कानून भी नहीं बनाया है। हालांकि, सरकार इस सेगमेंट पर नजर रख रही है और नियम बनाने पर विचार कर रही है और बाकि देशों में जो रेगुलेशन बन रहें हैं उन्हीं के हिसाब से भारत में भी इसे वैसे ही रेगुलेट किया जा सकता हैं।
बाइनेंस ने भारत में फिर से अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं।
कंपनी ने FIU के साथ पंजीकरण कराया है और जुर्माना अदा किया है।
बाइनेंस के पास अब 19 अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस हैं।
भारत सरकार अभी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्पष्ट नीति बनाने की प्रक्रिया में है।
यह खबर आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह खबर उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं या इसमें निवेश करने की सोच रहे हैं। इससे यह पता चलता है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार धीरे-धीरे विनियमित हो रहा है। हालांकि, निवेशकों को अभी भी सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि इस क्षेत्र में अभी भी कई अनिश्चितताएं हैं।
आगे क्या होगा?
आने वाले समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियमों में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सरकार इस क्षेत्र को कैसे रेगुलेट करेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
बाइनेंस ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अपना मुख्यालय स्थापित करने के लिए एक स्थान की तलाश कर रहा है।
यूरोपीय संघ और संयुक्त अरब अमीरात जैसे कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए नियम बनाए हैं।