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टाटा ग्रुप की कंपनियों पर क्या हो निवेशकों की रणनीति

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: Digital Desk                                                                Views: 18756

टाटा बोर्ड बैठक की बैठक में चेयरमैन साइरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद टाटा ग्रुप की कंपनियों में भारी गिरावट देखने को मिली। गिरावट कितनी तीखी थी इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले दो दिनों में टाटा ग्रुप की टॉप 5 कंपनियों में निवेशकों को 19400 करोड़ रुपए का चूना लगा जबकि टाटा ग्रुप की कुल 17 कंपनियां भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। इतने नुकसान के बाद भी टाटा और साइरस के बीच का यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। निकाने जाने के बाद साइरस ने यह बयान दिया कि ग्रुप की तमाम कंपनियां दिक्कत में हैं और इसकी वजह से कंपनी को 1800 करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है। इसके बाद गुरूवार के सत्र में भी टाटा ग्रुप की कंपनियों के शेयर सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों की सूची में नजर आए। अब ऐसे में निवेशकों के सामने सवाल यह खड़ा होता है कि क्या बढ़ते विवाद के साथ शेयरों की यह गिरावट और गहराएगी या यह गिरावट खरीदारी का एक अच्छा मौका है जिसका फायदा निवेशकों को उठाना चाहिए?



बाजार के विशेषज्ञों के बीच इस मुद्दे पर मतभेद हैं। कुछ एक्सपर्ट ऐसा मान रहे हैं कि विवाद के पूरी तरह शांत हो जाने के बाद ही निवेशकों को कोई खरीदारी करनी चाहिए। वहीं कुछ एक्सपर्ट यह मान रहे हैं कि टाटा ग्रुप की कंपनियों में यह गिरावट इस घटना का एक रिएक्शन हैं और फंडामेंटल तौर पर मजबूत शेयरों में आई गिरावट खरीदारी का एक मौका है।



विशेषज्ञों का नजरिया

वीएम फाइनेंनशियल के फंड मैनेजर विवेक मित्तल के मुताबिक निवेशकों को टाटा ग्रुप की किसी भी कंपनी में फिलहाल निवेश से बचना चाहिए। निवेश के अच्छे मौके निवेशकों को आगे मिलेंगे। विवेक के मुताबिक टाटा ग्रुप की कंपनियों में तीखी गिरावट के साथ साथ रिजल्ट सीजन की वजह से बाजार में उठल पुथल है। ऐसे में बाजार में एक साफ दिशा का संकेत मिलने और टाटा ग्रुप के भीतर यह उठलपुथल न थम जाने तक निवेशकों को लंबी अवधि के लिए कोई भी सौदे बनाने से बचना चाहिए।



फिनेथिक वेल्थ सर्विसेज के फंडामेंटल एनालिस्ट विवेक कुमार नेगी का मानना है कि टाटा ग्रुप की कंपनियों में यह गिरावट लंबे समय तक नहीं चलेगी। मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में हर गिरावट पर खरीदारी की जा सकती है। विवेक के मुताबिक टाटा मोटर्स और टीसीएस में अभी निवेशकों को कोई नयी खरीदारी करने से बचना चाहिए। वहीं टाटा स्पॉन्ज लंबी अवधि के लिए एक अच्छा शेयर मान रहे हैं।



मिंट डायरेक्ट के रिसर्च हेड अविनाश गोरक्षकर का मानना है कि साइरस मिस्त्री का टाटा ग्रुप से इस तरह जाना निश्चित तौर पर एक नकारात्मक घटनाक्रम है। लेकिन रतन टाटा जिस तरह कंपनी में वापस आए हैं उसे बाजार निश्चित तौर पर सकारात्मक लेगा। अविनाश के मुताबिक बाजार में पेनिक की स्थिति साइस मिस्त्री के बयान और सेबी और एक्सचेंज के हरकत में आने की वजह से देखने को मिल रही है। ऐसे में निवेशक अगर टाटा ग्रुप की कंपनियों में लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो उठलपुथल थमने का इंतजार करना चाहिए।

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