क्या इज़राइली युद्ध चाहते हैं?

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 2353

3 अक्टूबर 2024। मध्य पूर्व के इस छोटे से देश इज़राइल में अधिकांश नागरिकों का मानना है कि हिज़बुल्लाह के साथ चल रहे संघर्ष का समाधान सैन्य कार्रवाई से ही संभव है। कुछ तो यहाँ तक कह रहे हैं कि वे दक्षिणी लेबनान को फिर से "बसाना" चाहते हैं। इज़राइल की सेना (IDF) लगातार हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर हमले कर रही है, जिसमें हिज़बुल्लाह के शीर्ष कमांडरों की हत्या भी शामिल है।

हाल ही में, इज़राइल ने लेबनान की राजधानी बेरूत के दहिया इलाके में हिज़बुल्लाह के राधवान फोर्स के प्रमुख, इब्राहीम अकील को मार गिराया। इसके अलावा, हिज़बुल्लाह के कई अन्य शीर्ष कमांडर भी मारे गए। इस हमले के बाद, हिज़बुल्लाह ने इज़राइल से बदला लेने की धमकी दी है।

हालांकि, इज़राइल के नागरिकों के बीच इस संभावित युद्ध को लेकर बड़ा समर्थन दिख रहा है। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 71% इज़राइली नागरिक लेबनान के खिलाफ सैन्य अभियान का समर्थन कर रहे हैं। केवल 18% लोग इस विचार का विरोध कर रहे हैं।

यह समर्थन न केवल सुरक्षा की भावना से प्रेरित है, बल्कि कई नागरिक यह मानते हैं कि केवल युद्ध से ही इज़राइल के उत्तरी क्षेत्रों में शांति आ सकती है। हिज़बुल्लाह के लगातार हमलों के कारण इज़राइल के उत्तरी सीमावर्ती इलाकों के 62,000 से अधिक नागरिकों को उनके घरों से निकालना पड़ा है।

"फ़ाइटिंग फ़ॉर द नॉर्थ" नामक संगठन के यिसराइल केलर का मानना है कि हिज़बुल्लाह को इज़राइल की सीमा से परे, लेबनान के अंदर धकेला जाना चाहिए और उसका निरस्त्रीकरण किया जाना चाहिए ताकि वह इज़राइल के लिए खतरा न बने। केलर और उनके जैसे अन्य लोग मानते हैं कि केवल प्रतिशोधी हमले पर्याप्त नहीं हैं। इज़राइल को एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई करनी चाहिए जिससे समस्या का स्थायी समाधान हो सके।

हालांकि, हिज़बुल्लाह के पास भारी मात्रा में हथियार और मज़बूत सैन्य शक्ति है, जिसमें 200,000 से अधिक रॉकेट और मिसाइलें शामिल हैं। इसके अलावा, हिज़बुल्लाह के पास हजारों ड्रोन, उन्नत सुरंग प्रणाली, और लगभग 50,000 प्रशिक्षित लड़ाके हैं। इसका मतलब है कि यह संघर्ष एक लंबा और खतरनाक रूप धारण कर सकता है।

इज़राइल के नागरिकों के लिए, इस संघर्ष का अंत अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह निश्चित है कि देश का एक बड़ा हिस्सा एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई की ओर देख रहा है।

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