8 अक्टूबर 2024। भौतिकी के क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व कार्य के लिए इस साल का नोबेल पुरस्कार जॉन हॉपफील्ड और ज्योफ्री हिंटन को संयुक्त रूप से दिया गया है। इन दोनों वैज्ञानिकों ने मशीन लर्निंग के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले विभिन्न उपकरणों और विधियों का विकास किया है।
मशीन लर्निंग में अहम योगदान:
हॉपफील्ड और हिंटन ने मशीन लर्निंग के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण खोजें की हैं। उनके द्वारा विकसित किए गए उपकरण और विधियां आजकल कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में व्यापक रूप से उपयोग किए जा रहे हैं। इनके काम से कंप्यूटरों को डेटा का विश्लेषण करने और स्वयं सीखने में सक्षम बनाया गया है।
पुरस्कार राशि:
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के साथ दोनों वैज्ञानिकों को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग ₹8.3 करोड़) की नकद राशि भी प्रदान की गई है। यह पुरस्कार न केवल वैज्ञानिकों के योगदान को मान्यता देता है बल्कि भविष्य में होने वाले शोध कार्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।
मशीन लर्निंग का महत्व:
मशीन लर्निंग आजकल हमारी दुनिया को बदल रहा है। यह चिकित्सा, वित्त, परिवहन और कई अन्य क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। हॉपफील्ड और हिंटन के काम ने इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
BREAKING NEWS
? The Nobel Prize (@NobelPrize) October 8, 2024
The Royal Swedish Academy of Sciences has decided to award the 2024 #NobelPrize in Physics to John J. Hopfield and Geoffrey E. Hinton ?for foundational discoveries and inventions that enable machine learning with artificial neural networks.? pic.twitter.com/94LT8opG79
भौतिकी के नोबेल पुरस्कार 2024 जॉन हॉपफील्ड और ज्योफ्री हिंटन को दिया जाना मशीन लर्निंग के क्षेत्र में हुए महत्वपूर्ण कार्यों को मान्यता देने का एक बड़ा कदम है। इनके काम ने न केवल विज्ञान को बल्कि पूरी मानवता को एक नई दिशा दी है।