19 अक्टूबर 2024। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भोपाल के रविंद्र भवन में "सड़क और पुल निर्माण में उभरती नवीनतम प्रवृत्तियों और तकनीकों" पर केंद्रित 2 दिवसीय सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा भारत में खराब बुनियादी ढांचा योजना पर कड़ी आलोचना की। भोपाल में एक सेमिनार के दौरान इंजीनियरों को संबोधित करते हुए, गडकरी ने देश में चल रहे कई प्रोजेक्ट्स की गुणवत्ता पर सवाल उठाया और अधिक सख्त और जिम्मेदार योजना की आवश्यकता पर जोर दिया।
गडकरी ने तंज कसते हुए कहा, "इंजीनियरों से इतना घटिया काम देखकर हैरानी होती है। जो लोग डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाते हैं, उन्हें तो 'पद्मश्री' और 'पद्मभूषण' मिलना चाहिए उनके इस 'कारनामे' के लिए। ये लोग घर पर बैठकर गूगल से काम चला लेते हैं। मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि इंजीनियरिंग के छात्रों से इन डीपीआर की समीक्षा करवाई जाए, ताकि उन्हें भी अनुभव मिले और काम की गुणवत्ता सुधरे।"
📍𝐁𝐡𝐨𝐩𝐚𝐥 | Live from Seminar on Emerging Trends & Technologies in Road & Bridge Construction and EPC Contract Execution.
? Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) October 19, 2024
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उन्होंने एक और गंभीर मुद्दा उठाया, जिसमें कई एजेंसियां एक ही प्रोजेक्ट पर बिना किसी तालमेल के काम करती हैं। "हमारे नियम कहते हैं कि अधिकारी एक-दूसरे से बात न करें। इसका परिणाम है कि काम में ढिलाई और संसाधनों की बर्बादी होती है," गडकरी ने दुख व्यक्त किया।
मंत्री ने टिकाऊ बुनियादी ढांचे की आवश्यकता पर बल देते हुए, सड़क निर्माण में कचरे के उपयोग का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, "हमने पहले ही 80 लाख टन कचरे का इस्तेमाल सड़क निर्माण के लिए किया है। कोई भी चीज़ बेकार नहीं होती, न कोई व्यक्ति। सब कुछ तकनीक और नेतृत्व पर निर्भर करता है।"
गडकरी ने इंजीनियरों से गुणवत्ता को प्राथमिकता देने और अपने काम के प्रति जिम्मेदार बनने का आग्रह किया। उन्होंने कोचीन के उदाहरण का हवाला देते हुए रो-रोपेक्स जैसी अभिनव तकनीकों के उपयोग का सुझाव दिया, जिससे पुलों का निर्माण किया जा सके।
गडकरी का यह भाषण स्पष्ट रूप से बुनियादी ढांचा विकास में सुधार और बेहतर योजना की जरूरत को उजागर करता है, ताकि देश में उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का निर्माण हो सके।