×

आदिगुरू शंकराचार्य ज्ञान परम्परा के सूर्य : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 320

2 दिसम्बर 2024। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य जी की किसी से तुलना नहीं हो सकती, वे ज्ञान परंपरा में सूर्य के समान प्रकाशमान है। उनका यहां विराजना ही शुभता का सूचक है, वर्तमान में हिंसा का दौर चल रहा है ऐसे में आचार्य शंकर का जीवन दर्शन हमें शांति की प्रेरणा देता है। उन्होंने संतो को प्रणाम करते हुए कहा कि शंकराचार्य जी की परिकल्पना को पूर्ण रूप से साकार करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी संस्कृति के संरक्षण के लिए सदैव हमारा मार्गदर्शन करते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी उत्सवों एवं पर्वों में समाज के साथ सहभागी है। उन्होंने ओंकारेश्वर स्थित एकात्म धाम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते एकात्म धाम को चरणबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आदिगुरू शंकराचार्य ने एकात्मवाद का अद्भुत संदेश जन-जन तक पहुंचाया। सनातन धर्म परम्परा की रक्षा एवं उसके सिद्धांतों के वैश्विक प्रचार-प्रसार में उनकी अहम भूमिका रही। कठिनाइयों और संघर्षों का सामना करते हुए वे अपने गुरु से दीक्षा लेने के लिए केरल से ओंकारेश्वर आए। उन्होंने गुरु दक्षिणा को अपने आचरण एवं कृतित्व से सार्थक किया और देश को एक रूप में जोड़ने की नई दिशा दिखाई। आदिगुरु शंकराचार्य ज्ञान परम्परा के बड़े वाहक थे। आदिगुरू शंकराचार्य ने देश की चारों दिशाओं में पीठ की स्थापना कर सबको एकता के सूत्र में पिरोया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर दत्तात्रेय आश्रम पूज्य स्वामी श्री विवेकानंद पुरी जी ने कहा कि ओंकारेश्वर-ममलेश्वर अद्वैत एकात्मता का धाम है। यह आदिगुरू शंकराचार्य और भारत को एक पहचान देने का केंद्र है। उन्होंने कहा ओंकारेश्वर, आदिगुरू शंकराचार्य जी की दीक्षाभूमि और साधना स्थली रही है। ओंकारेश्वर को पांचवें पीठ के रूप में विकसित किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव के दर्शन कर जलाभिषेक किया। उन्होंने बाबा ओंकारेश्वर से प्रदेश की सुख-समृद्धि, विकास और कल्याण की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पैदल पुल से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने माँ नर्मदा के विहंगम दृश्य का अवलोकन कर माँ नर्मदा को प्रणाम किया। उन्होंने फूल-प्रसादी विक्रय करने वाले दुकानदारों से भी चर्चा की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ओंकारेश्वर में आदिगुरू शंकराचार्य की प्रतिमा के दर्शन किये और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पुष्प अर्पित कर पूजन किया। बटुकों ने मंत्रोच्चारों के साथ पूजन विधि संपन्न कराई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर आयोजित एकात्म धाम पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और एकात्म धाम परिसर में पुस्तक एवं कैलेंडर का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग ट्रस्ट के ट्रस्टी राव देवेंद्र सिंह चौहान, सहायक सी.ई.ओ. श्री अशोक महाजन सहित अन्य ट्रस्टी गण ने बाबा ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति का प्रतीक चिन्ह भेंट किया।

इस अवसर पर विधायकगण नारायण पटेल, श्रीमती कंचन मुकेश तनवे, श्रीमती छाया मोरे, जिला पंचायत अध्यक्ष पिंकी सुदेश वानखेड़े और बड़ी संख्या में संतजनों समेत प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला, संभागायुक्त दीपक सिंह, आईजी अनुराग, डीआईजी खरगोन रेंज सिद्धार्थ बहुगणा और कलेक्टर अनूप कुमार सिंह मौजूद रहे।

Related News