भोपाल में मूवर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की 8वीं राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस सम्पन्न: रिलोकेशन इंडस्ट्री को संगठित करने पर रहा ज़ोर

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 412

17 अप्रैल 2025। देश के तेजी से बढ़ते रिलोकेशन (पैकर्स एंड मूवर्स) सेक्टर को संगठित करने और उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के उद्देश्य से मूवर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (MFI) ने राजधानी भोपाल के रैडिसन होटल में 13-14 अप्रैल को दो दिवसीय 8वीं राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस अहम सम्मेलन में देशभर की प्रमुख रिलोकेशन कंपनियों ने भाग लिया और उद्योग की पारदर्शिता, विश्वसनीयता तथा सरकारी मान्यता जैसे मुद्दों पर मंथन किया।

देशभर से आए प्रतिनिधि, एमएफआई की विश्वसनीय पहल
लक्षद्वीप से लेकर जम्मू-कश्मीर और शिलांग से लेकर अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, बेंगलुरु, नागपुर, जयपुर, हैदराबाद, चंडीगढ़ तक देशभर के विभिन्न शहरों से रिलोकेशन इंडस्ट्री से जुड़े प्रमुख व्यवसायियों ने सम्मेलन में भाग लिया। सभी ने मिलकर इस क्षेत्र की बदलती जरूरतों और उपभोक्ता विश्वास को मजबूत करने पर चर्चा की।

सरकार ने सराहा फेडरेशन का प्रयास
सम्मेलन की मुख्य अतिथि, मध्यप्रदेश सरकार की राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने MFI के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा, “रिलोकेशन सेक्टर आज की जरूरत है और इससे लाखों परिवारों की आजीविका जुड़ी हुई है। राज्य सरकार फेडरेशन के साथ मिलकर इस सेक्टर को सशक्त और संगठित करने में सहयोग करेगी।”

ट्रांसपोर्ट सचिव मनीष सिंह ने बताया कि सरकार ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को व्यवस्थित करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। वहीं, भाजपा के प्रदेश कार्यालय मंत्री डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉजिस्टिक्स सेक्टर में किए गए सुधारों का उल्लेख करते हुए एमएफआई की पहल को समय की जरूरत बताया।

फेडरेशन ने की इंडस्ट्री स्टेटस की मांग
एमएफआई के चेयरमैन अजीत शर्मा ने कहा कि रिलोकेशन क्षेत्र में उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। “अगर इस सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा दिया जाता है, तो सरकार द्वारा बनाए गए नियम-कानून उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और भरोसा भी बढ़ेगा,” उन्होंने कहा।

अध्यक्ष आलोक भार्गव ने जानकारी दी कि यह क्षेत्र 25,000 से 40,000 करोड़ रुपये तक का हो चुका है, फिर भी आज तक पूरी तरह असंगठित है। उन्होंने बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन वाली फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाने की जरूरत बताई।

2017 से एक्टिव, 50+ शहरों में सदस्य
एमएफआई के सचिव अनुप मिश्रा ने बताया कि फेडरेशन की स्थापना 2017 में हुई थी और आज देशभर के 50 से अधिक शहरों में इसके सत्यापित सदस्य कार्यरत हैं। उन्होंने कहा, “हम न केवल कंपनियों का वेरिफिकेशन करते हैं, बल्कि उपभोक्ताओं को ठगी से बचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाते हैं।”

तकनीक और पर्यावरण को भी मिली प्राथमिकता
कॉन्फ्रेंस में यह भी तय हुआ कि रिलोकेशन कंपनियों को नई तकनीक अपनानी चाहिए, जैसे कि रीयल-टाइम ट्रैकिंग, डिजिटल पेमेंट, और ईको-फ्रेंडली पैकेजिंग। साथ ही स्टाफ ट्रेनिंग, बिजनेस एथिक्स और कस्टमर सर्विस को प्राथमिकता देने की अपील भी की गई।

फर्जी कंपनियों और स्कैम्स के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान का संकल्प
सम्मेलन में मौजूद सभी प्रतिनिधियों ने यह संकल्प लिया कि वे एमएफआई के बैनर तले देशभर में फर्जी कंपनियों और रिलोकेशन स्कैम्स के खिलाफ अभियान चलाएंगे और उपभोक्ताओं को सुरक्षित विकल्प देने का प्रयास करेंगे।

एमएफआई की अपील: जागरूकता बढ़ाएं, ठगी से बचें
फेडरेशन ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे रिलोकेशन सेवा लेते समय प्रमाणिक कंपनियों का ही चयन करें। एमएफआई की वेबसाइट www.moversfederation.org पर प्रमाणित कंपनियों की सूची, शिकायत निवारण प्रक्रिया और अन्य जागरूकता सामग्री उपलब्ध है।

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