
नई दिल्ली | प्रतिवाद डेस्क
10 अप्रैल 2025। टेक्नोलॉजी दिग्गज Apple ने भारत में निर्मित लगभग 1.5 मिलियन (15 लाख) iPhone को अमेरिका भेजने के लिए विशेष कार्गो विमानों का सहारा लिया। कुल 600 टन वज़न के ये iPhone एयरलिफ्ट कर अमेरिका भेजे गए, ताकि कंपनी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ से बच सके।
रॉयटर्स को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, Apple ने भारत में उत्पादन तेज कर अमेरिका में iPhone की आपूर्ति बनाए रखने की रणनीति पर काम किया, जिससे चीनी आयात पर लगे 125% टैरिफ से बचा जा सके।
📱 भारत बना Apple की नई रणनीति का केंद्र
Apple की यह योजना पूरी तरह गुप्त रही, लेकिन इससे यह संकेत मिलता है कि कंपनी अब चीन पर निर्भरता कम कर रही है और भारत को उत्पादन व निर्यात के नए केंद्र के रूप में विकसित कर रही है।
विशेष 'ग्रीन कॉरिडोर' व्यवस्था के तहत चेन्नई एयरपोर्ट पर कस्टम क्लियरेंस का समय 30 घंटे से घटाकर मात्र 6 घंटे कर दिया गया। यह मॉडल चीन के कुछ एयरपोर्ट्स पर पहले से लागू था, और अब भारत में भी इसे सफलतापूर्वक अपनाया गया।
📱 रविवार को भी चली फैक्ट्री, 20% अधिक उत्पादन
सूत्रों के मुताबिक, Apple ने भारत में अपने मुख्य निर्माता Foxconn के साथ मिलकर 20% अधिक उत्पादन का लक्ष्य तय किया। इसके लिए चेन्नई स्थित Foxconn फैक्ट्री को रविवार को भी चालू रखा गया — जो सामान्यतः अवकाश होता है।
इस प्लांट में पिछले साल iPhone 15 और 16 जैसे नए मॉडल सहित 2 करोड़ iPhone का निर्माण हुआ।
टैरिफ से बचने की चालाकी, अमेरिका में हुई बड़ी आपूर्ति
मार्च से अब तक 100 टन क्षमता वाले छह कार्गो जेट अमेरिका भेजे जा चुके हैं, जिनमें से एक फ्लाइट इसी सप्ताह रवाना हुई जब नए टैरिफ लागू हुए। iPhone 14 और चार्जिंग केबल सहित एक पैक का वज़न लगभग 350 ग्राम होता है, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि इन 600 टन कार्गो में लगभग 1.5 मिलियन यूनिट्स शामिल थे।
जनवरी और फरवरी 2025 में Foxconn द्वारा भारत से अमेरिका भेजी गईं iPhones की शिपमेंट वैल्यू क्रमशः $770 मिलियन और $643 मिलियन तक पहुंच गई, जबकि पिछले महीनों में यह आंकड़ा $110 से $331 मिलियन के बीच था।
इन iPhones को शिकागो, लॉस एंजेलिस, न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को में उतारा गया।
📱 भारत बना Apple का भविष्य
Apple अब भारत को चीन के विकल्प के रूप में गंभीरता से देख रही है। कंपनी के दो प्रमुख सप्लायर्स — Foxconn और Tata — यहां तीन फैक्ट्रियों के साथ काम कर रहे हैं, और दो और निर्माणाधीन हैं।
इस पूरी योजना को लागू करने में 8 महीने की योजना और केंद्र सरकार का सहयोग शामिल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने कस्टम अधिकारियों को Apple की सुविधा के लिए विशेष निर्देश दिए थे।
iPhone की यह नई उड़ान भारत के लिए ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग में तेजी से बढ़ते प्रभाव का प्रतीक बन गई है।