×

चीन ने चली बेहद 'मीठी चाल' मोदी सतर्क, अब नेपाल के रास्‍ते देश को घेरने की तैयारी..!

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: 1                                                👤By: Admin                                                                Views: 17787

चीन ने हाल ही में हमारी सरकार को प्रस्ताव दिया है कि वह तिब्बत-नेपाल के रास्ते हमारे देश में कोलकाता तक रेल पटरियां बिछाना चाहता है। इसके पीछे उसने अपना यही मकसद बताया है कि वह भारत के विकास में सहभागी बनने का इच्छुक है। चीन जैसा धूर्त, मौका-परस्त और अपना हित सर्वोपरि रखने वाला देश यदि किसी अन्य देश के विकास के बारे में कुछ कहता है, तो उस पर शंका ही होती है।

यह सर्वविदित है कि चीन ने कभी नहीं चाहा कि एशिया का कोई भी देश विकास में उससे आगे निकले। वह तो हर आगे बढ़ने वाले देश की राह में अपनी कूटनीतिक चालों से अड़ंगा डालने का ही प्रयास करता रहता है। भारत से उसे खासतौर पर दिक्कत है, क्योंकि उसे पता है कि इस इलाके में जो देश उसे पछाड़ सकता है, वह भारत ही है, इसलिए तो हमारे पड़ौसी देशों को वह अपने साथ लेने की कोशिशें करता रहता है।नेपाल में नया संविधान लागू होने के बाद मधेसियों एवं वहां की सरकार के बीच उपजे गतिरोध का चीन फायदा उठाने में कामयाब रहा है। हालांकि, इसमें हमने भी गलतियां की हैं। जब सीमा पर बढ़ते गए गतिरोध के चलते भारत ने नेपाल को तेल की आपूर्ति करना बंद कर दी, उसके बाद ही नेपाल ने चीन से तेल आयात करना शुरू किया था। उसी समय से नेपाल चीन में दोस्ताना संबंध प्रगाढ़ हुए।

इधर, इस दौरान दोनों देशों के बीच सात और सीमा व्यापार मार्ग खोलने पर सहमति बन गई थी, मगर अब नेपाल के हालात बदल गए हैं। वहां से गजब के चीन-परस्त नेता केपी शर्मा ओली की सरकार चली गई है, और पुष्प कमल दाहाल ऊर्फ प्रचंड नेपाल के नए प्रधानमंत्री हैं। वैसे तो ये भी कम चीन-परस्त नहीं हैं, लेकिन जब इन्होंने बीते मई के महीने में केपी शर्मा ओली सरकार को चलता करने की तैयारी कर ली थी, तो चीन ने ही इनके इरादों पर पानी फेर दिया था। इसी बात से प्रचंड चीन से नाराज हैं। इसीलिए चीन को यह आशंका है कि ओली के जमाने में हुए समझौतों से प्रचंड कहीं मुकर न जाएं।

दरअसल, इन समझौतों में यह भी शामिल था कि चीन व नेपाल तिब्बत की राजधानी ल्हासा से नेपाल की राजधानी काठमांडू तक रेल लाइन की संभावनाओं पर विचार करेंगे। यदि प्रचंड इससे मुकर गए तो चीन की रणनीति भी विफल हो जाएगी, इसलिए उसने भारत की तरफ चारा फेंका है। वैसे हमारी सरकार बहुत समझदार है, इसलिए वह उसके झांसे में नहीं आएगी, तो भी उसे कुछ तथ्य याद दिलाए जाने चाहिए।

Tags

Related News