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मध्य पूर्व में बाल विवाह का संकट: इराक में विवादास्पद कानून

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 1450

9 अगस्त 2024। इराक में बाल विवाह को वैध बनाने के प्रस्तावित कानून ने देश में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। इराकी संसद द्वारा पारित किए गए एक विधेयक में सुझाव दिया गया है कि लड़कियों को 15 साल की उम्र से पहले विवाह करने की अनुमति दी जाए। यह प्रस्ताव महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों के लिए गहरा खतरा है, क्योंकि इससे लड़कियों के शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य के अवसर छीन सकते हैं।

कानून में क्या बदलाव किए जा रहे हैं?
यह प्रस्तावित कानून इराकी नागरिकों को विवाह और परिवार से संबंधित मामलों में धार्मिक नियमों का पालन करने का विकल्प देगा। इसका मतलब यह है कि मुस्लिम मौलवी न्यायालय के बाहर विवाह अनुबंधों को अंतिम रूप दे सकेंगे, जो संभवतः बाल विवाह को वैध बना देगा।

क्यों है यह विधेयक इतना विवादास्पद?
बाल विवाह: सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह कानून बाल विवाह को वैध बना सकता है। बाल विवाह से लड़कियों का शोषण होता है और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य के लिए गंभीर खतरा होता है।
महिलाओं के अधिकार: यह कानून महिलाओं के अधिकारों का हनन करता है और उन्हें पुरुषों के अधीन करता है।
सांप्रदायिक विभाजन: मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह कानून मध्य पूर्व राष्ट्र में सांप्रदायिक विभाजन को और गहरा करेगा।
विरोध और समर्थन

इस विधेयक का देश भर में व्यापक विरोध हो रहा है। महिला अधिकार कार्यकर्ता, मानवाधिकार संगठन और आम नागरिक इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं। हालांकि, कुछ सांसदों का मानना है कि यह कानून इराकी लोगों को अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का प्रयोग करने का अधिकार देता है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी, यूनिसेफ के अनुसार, इराक में 28% महिलाओं की पहली शादी 18 वर्ष की आयु से पहले हुई थी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस विधेयक की निंदा की है और इराक सरकार से इस कानून को रद्द करने का आग्रह किया है।

इराक में बाल विवाह को वैध बनाने का प्रस्ताव एक गंभीर मुद्दा है। यह न केवल इराकी महिलाओं और लड़कियों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक खतरा है। यह महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इराक सरकार पर दबाव डाले ताकि वह इस कानून को रद्द करे और महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा करे।

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