14 नवंबर 2024। पूर्व कांग्रेस सदस्य और डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार तुलसी गबार्ड को अमेरिका की नई नेशनल इंटेलिजेंस निदेशक (DNI) नियुक्त किया गया है। इस महत्वपूर्ण भूमिका में गबार्ड अब सीआईए, एनएसए, और एफबीआई सहित 18 खुफिया एजेंसियों की निगरानी करेंगी। उनके चयन ने राजनीति और सुरक्षा क्षेत्रों में हलचल मचा दी है, विशेषकर उनके अमेरिका की विदेश नीति पर अलग दृष्टिकोण और हाल ही में वायरल हुई वीडियो के कारण। इस वीडियो में तुलसी गबार्ड को "हरे राम हरे कृष्ण" मंत्र गाते हुए देखा गया, जिसने उनकी धार्मिक आस्था और व्यक्तित्व पर चर्चा को बढ़ावा दिया है।
गबार्ड ने अपने चयन के बाद राष्ट्रपति-निर्वाचित का धन्यवाद करते हुए कहा कि वह इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तत्पर हैं। हाल ही में वायरल वीडियो में तुलसी गबार्ड को भावुक होकर पारंपरिक हिंदू भक्ति मंत्र "हरे राम हरे कृष्ण" गाते देखा गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और उनके अनुयायियों के बीच उनकी आध्यात्मिकता और गहराई के प्रति सम्मान बढ़ा। यह वीडियो गबार्ड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ों को सामने लाता है, जो एक हिंदू और कांग्रेस में सामोन-अमेरिकी सदस्य के रूप में उनकी अनोखी पहचान को भी दर्शाता है।
New Director Intelligence of USA🔥 pic.twitter.com/s3rIUQ5Bcy
? The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) November 14, 2024
They put Tulsi Gabbard on a terror watchlist.
— Megh Updates 🚨? (@MeghUpdates) November 14, 2024
Trump has made her Director of National Intelligence. A devotee of Iskon now she will work to protect the safety, security, and freedom of the American people.
The biggest middle finger to the Deep State Swamp. pic.twitter.com/Uifkso0KSD
नेतृत्व में आध्यात्मिकता की झलक
वायरल वीडियो ने गबार्ड की धार्मिक यात्रा और पहचान पर ध्यान आकर्षित किया। सामोन और हिंदू परंपराओं में पली-बढ़ी तुलसी गबार्ड ने सार्वजनिक रूप से बताया है कि भगवद गीता, एक महत्वपूर्ण हिंदू ग्रंथ, ने उनके जीवन को कैसे प्रभावित किया है। कांग्रेस में प्रवेश के समय उन्होंने भगवद गीता पर शपथ ली थी और कई अवसरों पर उन्होंने अन्य धर्मों के साथ संवाद में हिस्सा लिया। "हरे राम हरे कृष्ण" मंत्र गाने की उनकी भावुक प्रस्तुति से उनकी आध्यात्मिकता की गहराई और उनकी जीवनशैली में धर्म की प्रमुख भूमिका स्पष्ट होती है। कई लोगों का मानना है कि उनका यह आध्यात्मिक आधार उनके नए पद पर संतुलित और नैतिक दृष्टिकोण ला सकता है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और विदेश नीति पर दृष्टिकोण
गबार्ड ने 2013 से 2021 तक अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में कार्य किया और इस दौरान "रिजीम-चेंज वॉर्स" का विरोध करते हुए अमेरिकी विदेश नीति में संयम की वकालत की। उन्होंने यूक्रेन के लिए सैन्य सहायता का विरोध किया और इसके बजाय कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता देने की बात कही। इस दृष्टिकोण ने उनके आलोचकों और समर्थकों के बीच बहस को बढ़ा दिया है कि उनकी विचारधारा से अमेरिकी खुफिया नीति कैसे प्रभावित हो सकती है।
अमेरिकी खुफिया समुदाय के लिए एक अनोखी नेता
नेशनल इंटेलिजेंस निदेशक के रूप में गबार्ड का कार्य विदेशी हस्तक्षेप, साइबर हमलों, और घरेलू आतंकवाद जैसे विभिन्न मुद्दों पर खुफिया एजेंसियों का समन्वय करना है। उनकी "हरे राम हरे कृष्ण" मंत्र गाने की वायरल वीडियो उनके व्यक्तित्व का एक और पहलू प्रस्तुत करती है। उनके समर्थकों और आलोचकों का मानना है कि उनकी आध्यात्मिकता उनके इंटेलिजेंस नेतृत्व में विशेष प्रभाव डाल सकती है।
पूर्व सैन्य सेवा, द्विदलीय कार्य का अनुभव और गहरी आध्यात्मिक निष्ठा रखने वाली तुलसी गबार्ड एक अनोखे दृष्टिकोण से अमेरिकी खुफिया समुदाय का नेतृत्व कर सकती हैं। उनके इस नए पद के प्रति उनके दृष्टिकोण में गहराई, अनुशासन और नैतिकता की झलक है।
- दीपक शर्मा