अमेरिका में इस साल हो रहे आम चुनावों में भारतीय अमेरिकी महिलाएं अपना प्रभाव दिखा रही हैं जिसे इसी बात से समझा जा सकता है कि डेमोक्रेट कमला हैरिस इस समुदाय से पहली सीनेटर निर्वाचित होने जा रही हैं.
भारतीय अमेरिकी महिलाओं की इस उपलब्धि को हिलेरी क्लिंटन (69) तथा साउथ कैरोलिना की गवर्नर निक्की हेली के दो कार्यकाल की सफलता के सीधे प्रभाव के तौर पर देखा जा रहा है. हिलेरी जहां किसी बड़े राजनीतिक दल की पहली महिला प्रत्याशी हैं वहीं निक्की राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने वाली पहली भारतीय अमेरिकी महिला गवर्नर हैं.
हिलेरी की प्रचार मुहिम के दो शीर्ष पदों पर भारतीय अमेरिकी महिलाएं पदस्थ हैं. एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक 'सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस' की प्रमुख नीरा टंडन 'क्लिंटन ट्रांजीशन टीम' की सह अध्यक्ष हैं. यह अटकलें तेज हैं कि अगर हिलेरी राष्ट्रपति निर्वाचित होती हैं तो नीरा को उनके कैबिनेट में अहम पद मिलेगा. वह 'डेमोक्रेटिक प्लेटफॉर्म' टीम की अहम सदस्य हैं.
हिलेरी की करीबी निजी सहायक हुमा आबिदीन 'क्लिंटन कैम्पेन' की उपाध्यक्ष हैं. भारतीय पिता और पाकिस्तानी मां की संतान हुमा को 'क्लिंटन कैम्पेन' की सर्वाधिक शक्तिशाली हस्ती माना जाता है.
कभी कांग्रेस सदस्य आमी बेरा के चीफ ऑफ स्टाफ की भूमिका निभा चुकीं मिनी तिम्मराजू 'हिलेरी फॉर अमेरिका' की महिला वोट निदेशक हैं और 'क्लिंटन कैम्पेन' के लिए महिला मामलों की निदेशक भी हैं. माया हैरिस 'क्लिंटन कैम्पेन' की एक मुख्य नीति परामर्शदाता हैं.
इस साल दो डेमोक्रेटिक नेता कमला हैरिस और प्रमिला जयपाल इतिहास रचने जा रही हैं. 51 वर्षीय कमला कैलिफोर्निया से पहली भारतीय अमेरिकी सीनेटर निर्वाचित होने जा रही हैं. प्रमिला जयपाल वॉशिंगटन राज्य से अमेरिकी प्रतिनिधिसभा में जाने वाली हैं.
रिपब्लिकन पार्टी में भी भारतीय अमेरिकी महिलाएं पीछे नहीं हैं. कैलिफोर्निया की हरमीत ढिल्लन 'रिपब्लिकन नेशनल कमेटी' की नेशनल कमेटी में हैं. जुलाई में हुए सम्मेलन में उन्होंने 'अरदास' (सिखों की प्रार्थना) की थी. किसी भी दल में ऐसा करने वाली हरमीत पहली महिला हैं. वह कैलिफोर्निया रिपब्लिकन पार्टी के इतिहास में पहली महिला उपाध्यक्ष भी हैं.
फिलहाल फ्लोरिडा के वरिष्ठ नागरिक मामलों के विभाग में जनरल काउंसेल के पद पर अपनी सेवाएं दे रहीं मैरी थॉमस इस साल राज्य में रिपब्लिकन कांग्रेस के प्रायमरी में हार गई थीं लेकिन भविष्य में राजनीतिक पद हासिल करने पर उनकी नजर बराबर बनी है. इसी तरह 30 वर्षीय केशा राम वरमोन्ट हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्ज में सबसे कम उम्र की सदस्य हैं. इस साल उन्होंने वरमोन्ट लेफ्टिनेंट गवर्नर के पद के लिए अपनी किस्मत आजमाई थी जिसमें वह असफल रहीं थी.
अमेरिका के आम चुनाव में भारतीय अमेरिकी महिलाएं दिखा रही हैं प्रभाव
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वाशिंगटन 👤By: Digital Desk Views: 18614
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