मध्यप्रदेश में बना खाद्य सुरक्षा आयोग

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Place: Bhopal                                                👤By: DD                                                                Views: 33637

14, अप्रैल 2017, सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य माध्यमों से रियायती दरों पर मिलने वाले खाद्यान्न में गडबड़ी होने पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला शिकायत निवारण समिति के लिखित में या ई-मेल के द्वारा हितग्राही द्वारा शिकायत की जा सकेगी तथा समिति द्वारा शिकायत का निराकरण नहीं किये जाने पर राज्य खाद्य सुरक्षा आयोग में शिकायत की जा सकेगी। यह आयोग राज्य के खाद्य विभाग द्वारा बनाया गया है। इस हेतु राज्य सरकार ने नये खाद्य सुरक्षा नियम 2017 जारी कर दिये हैं जो 22 अप्रैल के बाद प्रभावशील हो जायेंगे।



इन नियमों में सामाजिक अंकेक्षण के साथ-साथ सतर्कता समितियों के गठन का भी प्रावधान किया गया है। राज्य स्तर पर गठित समिति के अध्यक्ष खाद्य मंत्री होंगे जबकि जिला स्तर पर गठित समिति की अध्यक्ष खाद्य मंत्री द्वारा नामित अजाजजा/महिला विधायक होगी। ब्लाक स्तर पर गठित समिति का अध्यक्ष जनपद पंचायत की प्रेसिडेन्ट होगा। उचित मूल्य दुकान स्तर पर गठित सतर्कता समिति का अध्यक्ष नगरीय क्षेत्र में संबंधित वार्ड का पार्षद होगा जबकि ग्रामीण क्षेत्र में संबंधित ग्राम पंचायत का सरपंच अध्यक्ष होगा। ये सभी सतर्कता समितियां रियायती दर पर मिलने वाले खाद्यान्न की व्यवस्था की निगरानी करेंगी तथा गड़बड़ी पाने पर जिला कलेक्टर को शिकायत कर सकेंगी।



अब होगा सामाजिक अंकेक्षण :

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत प्रदेश में मिलने वाले रियायती दर वाले खाद्यान्न वितरण का अब सामाजिक अंकेक्षण होगा। इसके लिये राज्य सरकार ने नगरीय क्षेत्रों हेतु सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर परिषदों तथा ग्रामीण क्षेत्रों हेतु सभी ग्राम पंचायतों को इस सामाजिक अंकेक्षण करने के लिये अधिकृत कर दिया है।



उक्त सभी अधिकृत की गई नगरीय एवं ग्रामीण निकाओं द्वारा प्रत्येक तीन माह में अपने क्षेत्राधिकार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत संचालित योजनाओं का ग्राम/वार्ड सभी के माध्यम से सामाजिक अंकेक्षण कराया जायेगा। इसके बाद इन स्थानीय निकायों द्वारा सामाजिक अंकेक्षण का प्रतिवेदन जिला शिकायत निवारण अधिकारी जोकि जिले का कलेक्टर होता है, के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।



नवीन प्रावधान के तहत स्थानीय निकायों द्वारा सामाजिक अंकेक्षण का निष्कर्ष निकाय के सूचना पटल पर भी प्रदर्शित किया जायेगा। इस प्रतिवेदन एवं अन्य अभिलेखों का विधिवत संधारण करने का दायित्व भी स्थानीय निकाय का होगा।



विभागीय अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की दुकानों से दिये जाने वाले रियायती दर वाले खाद्यान्न, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से संचालित मध्यान्ह भोजन योजना तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पोषणाहार योजना आदि शामिल हैं जिनका अब सामाजिक अंकेक्षण होगा जिससे पता चल सकेगा इन योजनाओं का कितने जरुरतमंद लोगों को लाभ मिल रहा है या नहीं।





- डा.नवीन आनंद जोशी

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