
19 मार्च 2025। मध्य प्रदेश में रोजगार के नए अवसरों को बढ़ाने के लिए सरकार पूरी तरह से सक्रिय है। हाल ही में इंदौर और भोपाल सहित कई जिलों में औद्योगिक विकास की नई योजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिससे हजारों लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवेश संवर्धन पर मंत्रिपरिषद समिति की बैठक में इन योजनाओं को तेजी से लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
इंदौर के सुपर कॉरिडोर में आईटी इंफ्रा डेवलपर्स के प्रोजेक्ट से करीब 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं, भोपाल में बड़वई आईटी पार्क के शुरू होने से 870 लोगों को नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा, प्रदेश के अन्य जिलों में भी कई परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं। भिंड में प्लाई बोर्ड सेक्टर से 750 लोग, मुरैना में खाद्य प्रसंस्करण इकाई से 320 लोग, धार जिले में खाद्य प्रसंस्करण इकाई से 549 लोग और नीमच जिले में सीमेंट इकाई से 556 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। कुल मिलाकर, इन प्रस्तावों से लगभग 13,000 लोगों के लिए नौकरी के दरवाजे खुलेंगे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में साफ तौर पर कहा कि सभी प्रस्तावों का परीक्षण नई नीतियों के आधार पर किया जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन नीतियों में दी गई सुविधाओं का पूरा लाभ उद्यमियों और आम जनता को मिलना चाहिए। साथ ही, विभिन्न विभागों को निर्देश दिए गए कि वे प्रस्तावों की जांच तेजी से पूरी करें और उद्योगों की स्थापना में हर संभव सहयोग करें।
इस बैठक में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप, संस्कृति, पर्यटन एवं धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग राज्य मंत्री गौतम टेटवाल, मुख्य सचिव अनुराग जैन और प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते भी खोलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को निवेश के लिए आकर्षक बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे, ताकि मध्य प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो सके।