
26 मार्च 2025। मध्य प्रदेश सरकार ने साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में जल्द ही 6 विशेष प्रशिक्षित साइबर कमांडो तैनात किए जाएंगे। ये कमांडो हैकिंग, वायरस हमलों और अन्य साइबर खतरों से राज्य की महत्वपूर्ण डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
देश में जिस तरह आतंकी घटनाओं और वीवीआईपी सुरक्षा के लिए विशेष कमांडो तैनात होते हैं, उसी तर्ज पर अब साइबर हमलों से निपटने के लिए भी विशेष कमांडो दल का गठन किया गया है। ये कमांडो न केवल साइबर हमलों को रोकने में सक्षम होंगे, बल्कि साइबर जालसाजों के नेटवर्क का पर्दाफाश करने और साइबर सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार, इन कमांडो के पहले बैच का छह महीने का गहन प्रशिक्षण 31 मार्च को पूरा हो रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राष्ट्रव्यापी योजना के तहत, मध्य प्रदेश को भी इन विशेष साइबर सुरक्षा कर्मियों का लाभ मिलेगा। आने वाले समय में प्रदेश के 39 पुलिसकर्मियों को दूसरे बैच के प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा, जिनमें आरक्षक से लेकर उप पुलिस अधीक्षक स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं। प्रशिक्षण के बाद, इन अधिकारियों को राज्य के विभिन्न संवेदनशील विभागों और संस्थानों में तैनात किया जाएगा।
✔ साइबर कमांडो की जिम्मेदारियां:
▪ साइबर सुरक्षा: राज्य के महत्वपूर्ण नेटवर्क और डेटा को साइबर खतरों से बचाना।
▪ हमला रोकथाम: हैकिंग और वायरस हमलों से त्वरित और प्रभावी निपटान।
▪ नेटवर्क निगरानी: संदिग्ध गतिविधियों की पहचान और रोकथाम।
▪ डेटा सुरक्षा: महत्वपूर्ण डेटा के लीक होने से बचाव के लिए उपाय।
▪ अपराध जांच: जटिल साइबर अपराधों की जांच में सहायता और डेटा विश्लेषण।
▪ नीति निर्माण: साइबर सुरक्षा नीतियों के निर्माण में योगदान।
▪ जन जागरूकता: साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाना और सुरक्षित डिजिटल व्यवहार को बढ़ावा देना।
▪ AI आधारित खतरों से निपटना: AI आधारित साइबर हमलों और ठगी की पहचान करना।
✔ बढ़ते साइबर अपराधों का खतरा:
वर्तमान में, रैंसमवेयर हमले, डेटा उल्लंघन, फ़िशिंग और ऑनलाइन धोखाधड़ी जैसे साइबर अपराधों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में, इन प्रशिक्षित साइबर कमांडो की तैनाती से मध्य प्रदेश की साइबर सुरक्षा को कितना मजबूत आधार मिलेगा यह देखना होगा।