19 मई 2017, राज्य सरकार ने भारत सरकार द्वारा तीन साल पहले बनाये पथ विक्रेता जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन अधिनियम,214 के विधिवत क्रियान्वयन हेतु नियम बनाकर उन्हें प्रभावशील कर दिया है। नियमों के अनुसार, अब हर नगरीय क्षेत्र में नगर विक्रय समिति बनेगी जिसमें दस या चालीस प्रतिशत सदस्य पंजीकृत पथ विक्रेताओं में से मतदान के जरिये चुने जायेंगे। यह समिति जिन पथ विक्रेताओं को विक्रय प्रमाणपत्र जारी किया गया हो, उनसे वचन पत्र प्राप्त करने के पश्चात पथ विक्रय का प्रमाणपत्र जारी तथा नवीनीकरण करेगी।
नये नियमों के अनुसार, नगर विक्रय समिति उन पथ विक्रेताओं के प्रमाणपत्र को रोकने, निरस्त करने या निलम्बित करने का कार्य भी कर सकेगी जो अधिनियम या नियम का उल्लंघन करेंगे। समिति विक्रय तथा फेरी के लिये स्थल और क्षेत्रों की पहचाल भी कर सकेगी। समिति को प्राकृतिक बाजार, साप्ताहिक बाजार, परंपरागत बाजार, त्यौहारी बाजार, मौसमी बाजार, रात्रि बाजार तथा आला बाजार की कालावधि भी निश्चित करने का अधिकार होगा।
यदि कोई पथ विक्रेता नगर विक्रय समिति के निर्णय या कार्यवाही से असंतुष्ट है तो वह संबंधित जिला कलेक्टर के समक्ष अपील कर सकेगा। इसके अलावा, इन नये नियमों में कहा गया है कि आयुक्त नगरीय प्रशासन पथ विक्रेताओं की शिकायतों के निवारण अथवा विवादों के समाधान के लिये प्रत्येक राजस्व संभाग स्तर पर एक शिकायत निवारण समिति का गठन करेगा। समिति में व्यवहार न्यायाधीश या न्यायिक मजिस्ट्रेट अध्यक्ष होगा जबकि नगर निगम का आयुक्त अथवा नगर पालिका या नगर परिषद की स्थिति में उसका मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं शहरी गरीबों के लिये कार्य करना वाला ख्याति प्राप्त सामाजिक कार्यकत्र्ता सदस्य होगा। शिकायत निवारण समिति के निर्णय के विरुध्द व्यथित पथ विक्रेता संभागायुक्त के समक्ष अपील कर सकेगा।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में शहरी फेरी वालों के कल्याण के लिये मुख्यमंत्री पथ पर विक्रय करने वाले शहरी गरीबों के लिये कल्याण योजना वर्ष 2012 में लागू की गई है। योजना के अंतर्गत पंजीकृत सदस्यों को रोजगार स्थापना हेतु मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत सहायता उपलब्ध कराई जाती है। वर्तमान में 27 हजार 250 सदस्यों को सहायता उपलब्ध करा दी गई है। योजना के तहत प्रसूति सहायता, छात्रवृत्ति, विवाह सहायता, चिकित्सा सहायता, अनुग्रह सहायता एवं जनश्री बीमा योजना आदि सामाजिक सुरक्षा सुविधायें भी प्रदान की जाती हैं।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, भारत सरकार ने पथ विक्रेताओं के लिये वर्ष 2014 में पथ विक्रेताओं के लिये कानून बनाया। अब इसके क्रियान्वयन हेतु नियम बनाये गये हैं जिसमें विलम्ब तो हुआ है। अब नये नियमों के तहत पथ विक्रेताओं का पंजीयन एवं उसका नवीनीकरण होगा।
- डॉ नवीन जोशी
अब पथ विक्रेताओं का प्रमाणपत्र देगी नगर विक्रय समिति
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