कंपनी ने चुंबकीय उत्तोलन के माध्यम से नेवादा रेगिस्तान में माध्यम से 70 मील प्रति घंटे पर वाहन यात्रा करने में सफल हुई है।
एक फ्यूचरिस्टिक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट जिस में सुपरसोनिक गति के पास की रफतार से चलाकर यात्रियों को अपनी जगह से दूसरी जगह पहुचा कर इस का सफल परीक्षण किया।
हाइपरलोप वन जिस व्यक्ति के दिमाग की उपज है एलोन मस्क का कहाना है कि नेवादा रेगिस्तान में उन्होंने पाँच सेकंड तक 70 मील प्रति घंटे के लिए मैग्नेटिक उत्तोलन में इस वाहन यात्रा की है।
कंपनी का अगला लक्ष्य 750 मील प्रति घंटे के लिए लक्ष्य से पहले, 250 मील प्रति घंटे की गति को हासिल करना है।
इसके एक प्रोटोटाइप पोड डिजाइन भी बनाया है जो लोगों के लिए या कार्गो को हवा की गद्दी पर कम दबाव वाली सुरंग से ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया हैं।
इस के सह-संस्थापक शेरविन पिशेर ने घोषणा की, "हमने आकाश में एक ट्यूब में का आविष्कार किया है" "हाइपरलोप ने वह किया हैं जो पहले कभी नहीं किया गया है।"
कस्तूरी ने इस संकल्पना को पहले "एक कॉनकॉर्ड, एक रेलगन और एक एयर हॉकी टेबल के बीच एक क्रॉस" बताया है।
दुबई, फ्रांस, अमेरिका और रूस के निवेशक बोर्ड पर हैं।
इस परियोजना ने $ 160 मिलियन (? 124 मी) से अधिक जुटाए हैं, और इसके मालिकों को उम्मीद है कि सरकार इस परियोजना को तीन-तिहाई देने में दिलचस्पी करेगी और उसे निधि मिलाने में मदद करेगी।
हाइपरलोप एक लंदन से एडिनबर्ग तक यात्रा का समय 45 मिनट तक, लॉस एंजिल्स से सैन फ्रांसिस्को तक लगभग आधे घंटे तक कम कर सकता है।
कंपनी का कहना है कि इसकी व्यवस्था यात्री जेट विमानों की तुलना में बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है, उच्च गति वाले ट्रेनों की तुलना में कम निर्माण और रखरखाव लागत और प्रति व्यक्ति ऊर्जा उपयोग - जो कि साइकिल के समान है।
फ्यूचरिस्टिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम हाइपरलोप का हुआ पहल सफल परीक्षण
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New Delhi 👤By: DD Views: 20440
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