ओपनएआई ने मानव जीवनकाल बढ़ाने के लिए पेश किया GPT-4b माइक्रो, स्टेम सेल अनुसंधान में नई क्रांति

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 393

20 जनवरी 2025। ओपनएआई ने वैज्ञानिक अनुसंधान में एक और मील का पत्थर स्थापित करते हुए GPT-4b माइक्रो नामक एक नया भाषा मॉडल लॉन्च किया है। यह मॉडल विशेष रूप से मानव जीवनकाल को बढ़ाने और स्टेम सेल उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

रेट्रो बायोसाइंसेज के साथ सहयोग
ओपनएआई ने स्टेम सेल उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोटीन को पुनः डिज़ाइन करने के उद्देश्य से रेट्रो बायोसाइंसेज के साथ साझेदारी की है। 2021 में स्थापित यह स्टार्टअप सेलुलर रीप्रोग्रामिंग के माध्यम से मानव जीवन को लंबा करने पर केंद्रित है। ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने 2022 में कंपनी में $180 मिलियन का निवेश किया था।

स्टेम सेल अनुसंधान में नई संभावनाएं
GPT-4b माइक्रो यामानाका कारकों को संशोधित करने पर काम करता है। ये प्रोटीन वयस्क कोशिकाओं को स्टेम कोशिकाओं में परिवर्तित करने में सक्षम होते हैं। प्रारंभिक परीक्षणों से पता चला है कि GPT-4b माइक्रो द्वारा डिज़ाइन किए गए प्रोटीन प्राकृतिक प्रोटीन की तुलना में 50 गुना अधिक प्रभावी हैं।

मॉडल को विभिन्न प्रजातियों से जैविक डेटा पर प्रशिक्षित किया गया है, जिससे यह प्रोटीन संरचनाओं और उनके कार्यों की अधिक सटीक भविष्यवाणी कर सकता है।

वैज्ञानिकों की प्रतिक्रिया
MIT टेक्नोलॉजी रिव्यू के अनुसार, ओपनएआई के डेवलपर जॉन हॉलमैन ने कहा, "मॉडल द्वारा डिज़ाइन किए गए प्रोटीन वैज्ञानिकों द्वारा बनाए गए प्रोटीन से बेहतर साबित हो रहे हैं।"

ओपनएआई ने अभी तक GPT-4b माइक्रो को सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं कराया है, लेकिन इसके परिणामों को सहकर्मी समीक्षा के लिए प्रकाशित करने की योजना है।

AI और प्रोटीन अनुसंधान में बढ़ती प्रतिस्पर्धा
GPT-4b माइक्रो, Google DeepMind के AlphaFold जैसे मॉडलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। AlphaFold ने प्रोटीन की 3D संरचना को मिनटों में सटीकता से समझने की क्षमता विकसित की है।

हाल ही में, वैज्ञानिक पत्रिका नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन ने सुझाव दिया कि AI द्वारा डिज़ाइन किए गए प्रोटीन सांप के जहर को बेअसर कर सकते हैं। इसी तरह, यूनिवर्सिटी ऑफ़ वाशिंगटन और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने AI का उपयोग करके प्रोटीन विकसित किए हैं जो टीकों और कैंसर उपचार में सहायक हो सकते हैं।

नए युग का वैज्ञानिक सहयोग
GPT-4b माइक्रो का विकास न केवल ओपनएआई की वैज्ञानिक अनुसंधान में स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि यह मानव स्वास्थ्य और दीर्घायु को बढ़ाने के लिए AI के उपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। इस परियोजना से स्टेम सेल अनुसंधान और चिकित्सा में नए आयाम खुलने की उम्मीद है।

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