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Prativad.com | 10 फरवरी 2025 — वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) उद्योग में हलचल मचाने वाली एक बड़ी खबर में, चीनी स्टार्टअप डीपसीक (DeepSeek) ने अपना नया मल्टीमोडल एआई मॉडल फैमिली जनस प्रो (Janus Pro) पेश किया है, जो प्रमुख बेंचमार्क जैसे Gen-Eval और DPG Bench पर OpenAI के DALL-E 3, PixArt-Alpha, और Emu3-Gen जैसे दिग्गजों से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
कम लागत में एआई में क्रांति
डीपसीक को विशेष बनाने वाला पहलू सिर्फ इसकी तकनीकी क्षमता ही नहीं बल्कि इसकी अद्भुत लागत दक्षता (Cost Efficiency) भी है। कंपनी का R1 भाषा मॉडल (Language Model) सिर्फ 5–6 मिलियन डॉलर में विकसित किया गया है, जबकि सिलिकॉन वैली की टेक कंपनियां इसी स्तर के प्रदर्शन के लिए अरबों डॉलर खर्च करती हैं। इस उपलब्धि ने तकनीकी उद्योग में महंगे एआई विकास मॉडलों की स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जनस प्रो, कंपनी का प्रमुख उत्पाद है, जो 1 बिलियन से 7 बिलियन पैरामीटर के आकारों में उपलब्ध है। इसका 7B संस्करण इमेज जेनरेशन (768x768 रेज़ोल्यूशन तक) और पाठ-आधारित कार्यों (Text-based Tasks) में शानदार प्रदर्शन दिखा रहा है। पारंपरिक मॉडल जहां केवल टेक्स्ट या इमेज कार्यों में विशेषज्ञ होते हैं, वहीं जनस प्रो एक ऑल-इन-वन यूनिफाइड ट्रांसफॉर्मर आर्किटेक्चर प्रदान करता है, जो बहुमुखी प्रतिभा पर ध्यान केंद्रित करता है।
ओपन-सोर्स की ताकत
एक साहसिक कदम उठाते हुए, डीपसीक ने जनस प्रो को ओपन-सोर्स (Open-Source) कर दिया है, और इसके कोड और मॉडल वेट्स को Hugging Face पर उपलब्ध करा दिया है। यह कदम OpenAI के बंद इकोसिस्टम के विपरीत है और संभवतः वैश्विक स्तर पर कम्युनिटी-ड्रिवन नवाचारों (Community-Driven Innovations) को प्रोत्साहित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ओपन-सोर्स मॉडल जैसे जनस प्रो, दुनिया भर के डेवलपर्स द्वारा तेजी से विकसित और बेहतर बनाए जा सकते हैं।
साइबर हमले के बीच सुरक्षा चिंताएं
डीपसीक की तेज़ सफलता विवादों से भी अछूती नहीं रही है। कंपनी हाल ही में एक साइबर हमले (Cyber Attack) का शिकार हुई, जब उसका एआई असिस्टेंट ऐप अमेरिका के Apple App Store में टॉप रैंकिंग पर पहुंच गया, यहां तक कि उसने ChatGPT को भी पीछे छोड़ दिया। इस घटना के कारण डीपसीक को अस्थायी रूप से नए यूजर्स के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगानी पड़ी, जिससे एआई प्लेटफॉर्म्स की सुरक्षा कमजोरियों (Security Vulnerabilities) पर ध्यान गया।
इसके साथ ही ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आई हैं कि डीपसीक का एआई असिस्टेंट चीनी सरकार या राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने से इंकार करता है, जिससे डेटा गोपनीयता (Data Privacy), सेंसरशिप (Censorship) और संभावित सरकारी संबंधों (Government Affiliations) को लेकर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं।
वैश्विक आर्थिक प्रभाव
डीपसीक की उपलब्धियों का असर सिर्फ तकनीकी दुनिया तक ही सीमित नहीं रहा। खबरों के अनुसार, NVIDIA के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे एक ही दिन में 600 अरब डॉलर की बाजार पूंजी नष्ट हो गई। यह गिरावट इस धारणा पर आधारित थी कि अब महंगे हार्डवेयर (Expensive Hardware) जैसे NVIDIA के H800 चिप्स के बिना भी प्रतिस्पर्धी एआई मॉडल विकसित किए जा सकते हैं।
OpenAI, Meta, Google, Amazon, और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों पर अब अपने विशाल एआई आरएंडडी बजट (AI R&D Budgets) को सही ठहराने का दबाव है। विशेष रूप से, OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने डीपसीक की सफलता को स्वीकार किया है और कहा है कि कंपनी और अधिक उन्नत मॉडल विकसित करेगी, साथ ही कंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश जारी रखेगी।
भूराजनीतिक प्रभाव (Geopolitical Ramifications)
डीपसीक का उदय अमेरिका के निर्यात नियंत्रण (Export Controls) की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाता है, जो चीनी एआई प्रगति को सीमित करने के उद्देश्य से लागू किए गए थे। NVIDIA के A100 चिप्स पर प्रतिबंध के बावजूद, डीपसीक ने कम शक्तिशाली लेकिन कानूनी रूप से सुलभ हार्डवेयर के साथ GPT-स्तरीय प्रदर्शन हासिल किया।
यहां तक कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी, इसे "चेतावनी" करार दिया और कहा कि अमेरिकी टेक उद्योगों को अपनी तकनीकी श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
क्या यह एआई का नया युग है?
2023 में स्थापित, और हांगझोउ, चीन में मुख्यालय वाली डीपसीक तेजी से एक प्रमुख नाम बन गया है। कंपनी की रणनीति, जिसमें कम लागत में विकास, ओपन-सोर्स पारदर्शिता, और उन्नत एआई क्षमताओं का संयोजन शामिल है, ने उद्योग की पारंपरिक मान्यताओं को चुनौती दी है।
जैसे-जैसे वैश्विक एआई दौड़ तेज होती जा रही है, मुख्य प्रश्न यह है: क्या डीपसीक की सफलता एक अस्थायी उछाल है या यह एक नए युग की शुरुआत है जहां छोटे, संसाधन-कुशल स्टार्टअप बड़े टेक दिग्गजों को पीछे छोड़ सकते हैं?
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