×

पंचायत सचिव की मृत्यु पर उसके आश्रितों को मिलेगी अनुकम्पा नियुक्ति

Place: Bhopal                                                👤By: Admin                                                                Views: 28723

2 दिसंबर 2017। प्रदेश की ग्राम पंचायतों के सचिवों को अब सेवाकाल में मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति मिलेगी। इस संबंध में राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिये हैं। यह अनुकम्पा नियुक्ति नियमित स्वरुप की होगी।



आदेश के अनुसार, किसी एक आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति मिलेगी जिसमें पहले क्रम पर मृतक की पत्नी होगी जिसके लिये न्यूनतम आयु का कोई बंधन नहीं होगा। इसके बाद क्रम व्यस्क पुत्र अथवा व्यस्क अविवाहित पुत्री का होगा। तत्पश्चात मृतक के अविवाहित भाई अथवा बहन का क्रम होगा। अनुकम्पा नियुक्ति के लिये हायर सेकेण्ड्री परीक्षा उत्तीर्ण एवं कम्प्यूटर ज्ञान का प्रमाण-पत्र जरुरी होगा। जिले के भीतर किसी भी ग्राम पंचायत में सचिव का पद रिक्त नहीं होने से अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जायेगी।



इसी प्रकार, अनुकम्पा नियुक्ति का पात्रता ग्राम पंचायत सचिव की मृत्यु दिनांक से 3 वर्ष तक की अवधि तक उपलब्ध हो सकेगी। यदि मृतक पर आश्रित परिवार में कोई सदस्य उक्त शैक्षणिक अर्हताधारी न हो तो इस अवधि में उसे आवश्यक शैक्षणिक अर्हता धारित कर पात्रता अर्जित करना होगी। अनुकम्पा नियुक्ति देने के लिये जिला पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी सक्षम अधिकारी होगा। अनुकम्पा नियुक्ति प्रथमत: 3 वर्ष की परिवीक्षा अवधि के लिये की जायेगी। परिवीक्षा अवधि सफलतापूर्वक पूर्ण करने के बाद नियमित वेतनमान दिया जायेगा। पंचायत सचिवों को नियुक्ति दिनांक से तीन वर्ष तक के लिये प्रति माह 1600 रुपये और यात्रा भत्ता 250 रुपये देने का प्रावधान है परन्तु अनुकम्पा पर नियुक्त व्यक्ति को मानवीय दृष्टिकोण से परिवीक्षा अवधि में 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जायेगा। चूंकि पंचायत सचिव ग्राम पंचायत का कर्मचारी होकर जिला संवर्ग के पद का होता है इसलिये उसे राज्य शासन का कर्मचारी नहीं माना जायेगा।

विभागीय अधिकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत सचिवों की सेवाकाल के दौरान मृत्यआश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति देने के अब तक कोई प्रावधान नहीं थे, जो अब कर दिये गये हैं। संबंधित जिला पंचायतों में ऐसे मामलों के आवेदन लिये जायेंगे और नियमानुसार उनका निराकरण किया जायेगा।



- डॉ. नवीन जोशी

Related News

Global News