अमरीका के मध्यावधि चुनाव में भारतीय मूल के लोगों का दबदबा

News from Bhopal, Madhya Pradesh News, Heritage, Culture, Farmers, Community News, Awareness, Charity, Climate change, Welfare, NGO, Startup, Economy, Finance, Business summit, Investments, News photo, Breaking news, Exclusive image, Latest update, Coverage, Event highlight, Politics, Election, Politician, Campaign, Government, prativad news photo, top news photo, प्रतिवाद, समाचार, हिन्दी समाचार, फोटो समाचार, फोटो
Place: Bhopal                                                👤By: Digital Desk                                                                Views: 7892

अमरीका में 6 नंवबर को अमरीकी कांग्रेस या प्रतिनिधि सभा और सीनेट की कुछ सीटों के लिए मतदान हो रहे हैं. इस चुनावी दंगल में अमरीका की प्रतिनिधि सभा के लिए सबसे अधिक भारतीय मूल के कूल 12 उम्मीदवार अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं.



इनमें सबसे अहम एरिज़ोना प्रांत में हीरल तिपिर्नेनी डिस्ट्रिक्ट आठ से डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैं जो रिपब्लिकन पार्टी की मौजूदा सांसद डेबी सेल्को को कड़ी टक्कर दे रही हैं.



एरिज़ोना प्रांत को रिपब्लिकन पार्टी का गढ़ माना जाता है तो ऐसे में एक भारतीय मूल के उम्मीदवार की हैसियत से हीरल तिपिर्नेनी अपना अनुभव बताते हुए कहती हैं कि एरिज़ोना में अब तक किसी ने रिपब्लिकन पार्टी को ऐसी चुनौती नहीं दी.



हीरल तिपिर्नेनी कहती हैं, "अभी भी एरिज़ोना में यह बहुत कम ही नज़र आता है कि भारतीय मूल के लोग चुनाव में खड़े हों....लेकिन हम इस बार पिछले कई वर्षों में पहली बार रिपब्लिकन पार्टी को ऐसी चुनौती दे रहे हैं जो अब तक नहीं दी गई...हम कांटे की टक्कर दे रहे हैं."







पेशे से डॉक्टर हीरल तिपिर्नेनी बताती हैं कि उनके मुख्य चुनावी मुद्दे हैं स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरी लाना और प्रवासी क़ानून में बेहतर सुधार करना.



भारतीय मूल के कुल 12 उम्मीदवार चुनावी मैदान में



डॉक्टर हीरल तिपिर्नेनी बताती हैं कि उनके पति और तीन बच्चों समेत उनका पूरा परिवार चुनावी मुहिम में लगा हुआ है. इसके अलावा भारत में रह रहे उनके परिवार के सदस्य भी उनको प्रोत्साहन दे रहे हैं. वो बताती हैं कि अक्सर भारत का चक्कर लगा आती हैं. वो आंध्र प्रदेश और गुजरात में अपने परिवार वालों के साथ समय भी गुज़ारती हैं.



इसी तरह भारतीय मूल की अनीता मलिक भी एरिज़ोना के डिस्ट्रिक्ट आठ से डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैं. उनका मुक़ाबला है रिपब्लिकन पार्टी के मौजूदा सांसद डेविड शवायकार्ट के साथ.



अनीता मलिक बताती हैं कि एरिज़ोना में बहुत से लोग राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की नीतियों से नाराज़ होकर डेमोक्रेटिक पार्टी को वोट देना चाहते हैं. अनीता मलिक कहती हैं, "अरीज़ोना में कुछ वोटरों में तो नाराज़गी इस कदर है कि वो तो सिर्फ़ राष्ट्रपति ट्रंप के ख़िलाफ़ वोट देने के लिए निकलना चाहते हैं. बहुत से ऐसे भी हैं जो स्थानीय मुद्दों पर अपना वोट देना चाहते हैं."







भारतीय मूल की मौजूदा कांग्रेस की सदस्या डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमिला जयपाल वॉशिंगटन प्रांत से फिर चुनाव लड़ रही हैं



अनीता मलिक के माता-पिता भारत में दिल्ली और पूना में रहते थे और वहां से अमरीका में आकर बस गए. अनीता ने पिछले साल तक एक टेक्नोलॉजी कंपनी में सीओओ की हैसियत से नौकरी की.



वो नौकरी छोड़कर 2017 में ही राजनीति में आईं.अनीता मलिक बताती हैं कि अब धीरे-धीरे एरिज़ोना में भारतीय मूल के लोग राजनीति में बढ़-चढ़ कर भाग लेना शुरू कर रहे हैं.



उनका कहना है कि उनके लिए सबसे अहम चुनावी मुद्दे हैं स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार. इसके अलावा वो अमरीकी चुनावी प्रणाली में धन के बेतहाशा इस्तेमाल के बारे में भी कुछ करना चाहती हैं, जिससे आम लोगों को भी चुनाव में खड़े होने का मौक़ा मिले.



अनीता कहती हैं कि वैसे लोग भी चुनाव लड़ना चाहते हैं जो लाखों डॉलर जुटाने की क्षमता नहीं रखते हैं.



भारतीय मूल की मौजूदा कांग्रेस की सदस्या डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमिला जयपाल वॉशिंगटन प्रांत से फिर चुनाव लड़ रही हैं. इसके अलावा कैलिफ़ोर्निया से मौजूदा कांग्रेस सदस्य डेमोक्रेटिक पार्टी के रो खन्ना और अमी बेरा फिर से चुनाव लड़ रहे हैं.







भारतीय मूल के रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैरी अरोड़ा डेमोक्रैट जिम हाइम्स के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं



प्रतिद्वंद्वी भी भारतीय

इलिनाय प्रांत से मौजूदा कांग्रेस में डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति भी फिर से मैदान में हैं, जहां उनके प्रतिद्वंदी रिपब्लिकन पार्टी के भारतीय मूल के ही जीतेंद्र दिगांकर हैं. इन सभी डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवारों के जीतने की अच्छी संभवनाएं हैं.



इसके अलावा भारतीय मूल के अमरीकी स्री प्रेस्टन कुलकर्णी ने अमरीकी विदेश सेवा की नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया और अब वो टेक्सस से कांग्रेस के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लड़ रहे हैं.



फ़्लोरिडा में संजय पटेल डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार हैं जो मौजूदा कांग्रेस सदस्य बिल पोसी के ख़िलाफ़ मैदान में हैं. कनेक्टीकट प्रांत में एक मात्र भारतीय मूल के रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैरी अरोड़ा डेमोक्रैट जिम हाइम्स के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं, लेकिन डेमोक्रेटिक उम्मीदवार इस सीट से पिछले 10 साल से चुनाव जीत रहे हैं.



हैरी अरोड़ा को फिर भी उम्मीद है कि वोटर अब उनको भी मौक़ा दे सकते हैं. हैरी अरोड़ा कहते हैं, "मुझे तो सभी तरह के लोग समर्थन दे रहे हैं. हमारे क्षेत्र में अधिकतर लोग चाहते हैं कि उनके मुद्दों को सुलझाने के लिए काम किया जाए न कि बस टालमटोल करके बात इधर की उधर कर दी जाए. मेरा तरीक़ा यह है कि कैसे मामले सुलझाए जाएं, उसके बारे में पूरी योजना सामने रखें न कि सिर्फ़ उन पर बात करके आगे बढ़ जाएं."



एक मात्र भारतीय मूल के आज़ाद उम्मीदवार शिवा अय्यादुराई भी सीनेट की सीट के लिए मैसाचुसेट्स प्रांत में चुनावी मैदान में हैं और उनके सामने हैं डेमोक्रेटिक पार्टी की दिग्गज नेता और मौजूदा सीनेटेर एलीज़ाबेथ वॉरेन.



अब ऐसे में शिवा अय्यादुराई के जीतने की कोई संभावना नज़र नहीं आती. उम्मीद की जा रही है कि एलीज़ाबेथ वॉरेन सन 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवार हो सकती हैं. अमरीकी कांग्रेस के चुनाव के अलावा भारतीय मूल के दर्जनों लोग प्रांतीय और स्थानीय चुनावों में भी भाग ले रहे हैं.





: बीबीसी हिन्दी

Related News

Global News


Settings
Demo Settings
Color OptionsColor schemes
Main Color Scheme     
Links Color     
Rating Stars Color     
BackgroundBackgorund textures
Background Texture          
Background Color     
Change WidthBoxed or Full-Width
Switch Page WidthFull-WidthBoxed-Width