निर्माण ठेकेदारों का अब नये सिरे से आनलाईन पंजीयन 16 सितम्बर से

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Place: भोपाल                                                👤By: Admin                                                                Views: 17837

सितम्बर 9, 2016। राज्य सरकार ने निर्माण विभागों के ठेकेदारों की अ,ब एवं स श्रेणी खत्म कर दी है तथा नये सिरे से एक ही श्रेणी में पंजीयन की नवीन केन्द्रीयकृत एकल पंजीयन प्रणाली व्यवस्था 16 सितम्बर 2016 से एमपी आनलाईन के माध्यम आनलाईन पध्दति से प्रारंभ करने के आदेश जारी कर दिये हैं।

सभी निर्माण विभागों जिनमें जल संसाधन, पीएचई, ग्रामीण यांत्रिकी, लोनिवि परियोजना संचालक, एमडी एमपीआरडीसी, सीईओ आरआरडीए, एमडी पुलिस हाऊसिंग कारपोरेशन, आयुक्त हाऊसिंग बोर्ड एवं आयुक्त नगरीय प्रशासन शामिल हैं- से कहा गया है कि नवीन केन्द्रीयकृत एकल पंजीयन प्रणाली में अ श्रेणी हेतु दस लाख, ब श्रेणी 5 लाख तथा स श्रेणी हेतु 2 लाख रुपये की सुरक्षा निधि जमा नहीं कराना होगी लेकिन पंजीयन शुल्क 25 हजार रुपये होगा तथा अभिलेखों के सत्य होने के संबंध में स्वहस्ताक्षरित घोषणा-पत्र मान्य होंगे।



इससे पूर्व की अ,ब एवं स श्रेणी संबंधी ठेकेदारों की पंजीयन आनलाईन प्रणाली 23 अगस्त 2016 से बंद कर दी गई है। वर्तमान में अ,ब एवं स श्रेणी संबंधी प्रणाली के पंजीकृत ठेकेदार जिनके पंजीयन वैध हैं एवं नवीनीकरण की प्रोसेस में थे किन्तु नवीन नवीन केन्द्रीयकृत एकल पंजीयन प्रणाली लागू होने के कारण इनका नवीनीकरण पुरानी प्रणाली के तहत अब नहीं किया जायेगा तथा अब इन्हें नवीन पंजीयन प्रणाली में स्वीच ओवर होना होगा।



फिलहाल दी राहत :

राज्य सरकार ने निर्माण विभागों से कहा है कि चूंकि वर्तमान में नवीन केन्द्रीयकृत एकल पंजीयन प्रणाली में आनलाईन रजिस्ट्रेशन हेतु साफ्टवेयर के संशोधन में समय लगेगा इसलिये ठेकेदारों को निविदायें प्रस्तुत करने में कोई कठिनई न हो, इसलिये ऐसे ठेकेदारों को इस ट्रांजिशन पीरियड में विभिन्न विभागों की निविदाओं में भाग लेने की अनुमति आवश्यक रुप से दी जाये।



विभाग के अफसरों के अनुसार, नवीन केन्द्रीयकृत एकल पंजीयन प्रणाली 16 सितम्बर से प्रारंभ होगी। तब तक वर्तमन ठेकेदार निविदाओं में भाग ले सकेंगे एवं कान्ट्रेक्ट अवार्ड होने पर उन्हें नई प्रणाली में पंजीयन कराना होगा क्योंकि टेण्डर डलने के बाद लगभग दो माह का समय लगता है कान्ट्रेक्ट अवार्ड होने में।

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