सितम्बर 13, 2016। मध्य प्रदेश की महिला-बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर प्रदेश में एनीमिया की समस्या से पीड़ित महिलाओं और इससे जुड़े पहलुओं पर चर्चा की.
उन्होंने बताया कि इस समस्या से निपटने के लिये मध्यप्रदेश सरकार मिशन मोड में काम कर रही है. चिटनिस ने नड्डा से राष्ट्रीय आयरन प्लस इनीशिएटिव एनआईपीआई के अंतर्गत फेरस सल्फेट के स्थान पर फेरस एसकार्बेट युक्त साल्ट का उपयोग करने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया है.
महिला-बाल विकास मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि सरकार के तीन मंत्रालय-महिला-बाल विकास, स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम करेंगे तो बेहतर परिणाम आएंगे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 तक एनीमिया से पीड़ितों की संख्या को 10 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य है.
चिटनिस ने बताया कि मध्यप्रदेश में एनीमिया उन्मूलन के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम नेशनल आयरन प्लस इनीशिएटिव एनआईपीआई संचालित किया जा रहा है. कार्यक्रम में हितग्राहियों को फेरस सल्फेट साल्ट का वितरण किया जाता है. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में फेरस एसकार्बेट दिया जाए, तो और अधिक लाभदायक होगा.
यह साक्ष्य आधारित है कि मानव शरीर में इस साल्ट का बेहतर प्रभाव संभव है. इसके साथ विटामिन-सी के फार्मूलेशंस भी उपलब्ध हो सकते हैं. इससे प्रदेश में एनीमिया की गंभीर समस्या को और अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा.
एनीमिया से पीड़ित महिलाओं के लिए फेरस एसकार्बेट बांटने की मांग
Place:
भोपाल 👤By: Digital Desk Views: 19316
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