
मंगल ग्रह पर भूकंप के दौरान चट्टानों के बीच आपस में घर्षण से बनी चट्टानों में हाइड्रोजन गैस भरपूर मात्रा में अटकी हुई है। भूकंपीय गतिविधियों से ग्रह पर जीवन के लिए पर्याप्त हाइड्रोजन निकल सकती है। यह दावा एक नए अध्ययन में किया गया है।
अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने स्काटलैंड के तटीय इलाके आउटर हेब्रिडेस में सक्रिय फाल्ट लाइंस के आसपास निर्मित चट्टानों का अध्ययन किया। येल के भूवैज्ञानिक सीन मैकमोहन ने कहा, "पूर्व के अध्ययन से संकेत मिला था कि भूकंप के दौरान जब चट्टानें आपस में घर्षण करती और टूटती हैं तब हाइड्रोजन पैदा होती है।
हमारे अध्ययन का सुझाव है कि पर्याप्त हाइड्रोजन पैदा होने से सक्रिय फाल्ट के पास सूक्ष्म जीवों के विकास में मदद मिल सकती है। मनुष्य और दूसरे पशुओं को ऊर्जा ऑक्सीजन और शुगर में प्रतिक्रिया से मिलती है। जबकि जीवाणु वैकल्पिक प्रतिक्रियाओं से ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
उदाहरण के तौर पर हाइड्रोजन गैस के ऑक्सीकरण से धरती की सतह के नीचे पाए जाने वाले जीवाणु अपने लिए पर्याप्त ऊर्जा पैदा कर लेते हैं। मैकमोहन ने कहा, "मंगल ग्रह भूकंप के दृष्टिकोण से बहुत अधिक सक्रिय नहीं है लेकिन हमारे अध्ययन से यह जाहिर होता है कि इस ग्रह पर भूकंप से सूक्ष्म जीवों के जीवन के लिए पर्याप्त हाइड्रोजन गैस पैदा हो सकती है।
भूकंप का आकलन करेगा नासा
इस अध्ययन से जुड़े स्काटलैंड की एबरडीन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जॉन पर्नेल ने कहा, "नासा ने वर्ष 2018 में इनसाइट मिशन के दौरान मंगल ग्रह पर भूकंपीय गतिविधियों के आकलन की योजना बनाई है। इससे रोचक आंकड़े मिलने की उम्मीद है।"