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आधार कार्ड में जाति, धर्म, भाषा और आय का रिकार्ड नहीं होगा

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Place: भोपाल                                                👤By: Digital Desk                                                                Views: 17466

28 सितम्बर 2016। केन्द्र सरकार ने देशभर में आधार कार्ड के लिये लागू वित्तीय और अन्य सहायिकिओं, प्रसुविधाओं और सेवाओं का लक्षित परिदान अधिनियम 2016 कानून के क्रियान्वयन हेतु उसके नये विनियम जारी कर दिये हैं जिसके तहत आधार कार्ड बनाने वाली एजेन्सी संबंधित व्यक्ति की नस्ल, धर्म, जाति, जनजातीय, नृजातीयता यानी एथनिसिटी, भाषा, हकदारी का रिकार्ड यानी करार्ड आफ एनटाईटलमेंट, आय अथवा चिकित्सकीय इतिवृत यानी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी को न ही आवेदक व्यक्ति से पूछेगी और न ही उसका उल्लेख उसके आधार कार्ड एवं डाटा बेस में करेगी।



ये संस्थायें ले सकेेंगी आधार नम्बरों की जानकारी :

अब नये विनियमों के अनुसार, अब केंद्र द्वारा आधार नम्बर वाले कार्ड को बनाने के लिये गठित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से जो संस्थायें आम लोगों के आधार नम्बरों की जानकारी सत्यापन या अभिप्रमाणन हेतु अपनी योजनाओं इत्यादि के लिये ले सकेंगी वे तीन श्रेणियों में विभक्त की गई हैं। पहली श्रेणी में, केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रालय/विभाग तथा उनके सम्बध्द अथवा अधीनस्थ कार्यालय, केंद्र/राज्य सरकार के स्वामित्व तथा अधीन उपक्रम तथा केन्द्र/राज्य अधिनियम के तहत स्थापित प्राधिकरण या इनके द्वरा संस्थापित विशेष उद्देश्य संस्थान शामिल हैं। दूसरी श्रेणी में आरबीआई द्वारा विनियमित/लायसेंस प्राप्त बैंक तथा भुगतान एवं निपटान प्रणाली, निजी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण द्वारा विनियमित दूरसंचार, डिजिटल लाकर प्रदाता, ई-हस्ताक्षर प्रदाता, सेबी द्वारा विनियमित कंपनियां, ट्रेडिंग एक्सचेंज, राष्ट्रीय आवास निगम शामिल हैं। तीसरी श्रेणी में कम्पनीज एक्ट के तहत भारत में पंजीकृत कपनी, साझेदारी एक्ट के तहत पंजीयत भारतीय साढेदारी, फर्म, अकादमिक संस्थान शामिल हैं।



बिना अनुमति नहीं ले सकेंगे जानकारी :

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा संगृहित आधार नम्बरों की जानकारी उक्त निर्धारित संस्थाओं के तभी देगा जबकि जिस व्यक्ति का आधार नम्बर वाला कार्ड बना है उससे उसकी पूर्व सहमति न ले ली जाये।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अभी हम राशन देने की पात्रता पर्ची देने के लिये हितग्राही से आधार नम्बर मांगते हैं लेकिन इसका सत्यापन नहीं कराते हैं कि दिया गया आधार नम्बर सही है या गलत। नये कानून एवं विनियमों के अनुसार, सत्यापन भी होगा।





- डॉ नवीन जोशी

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