एलन मस्क की ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस कंपनी न्यूरालिंक को अब यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से मानव में पहले क्लिनिकल परीक्षण शुरू करने की हरी झंडी मिल गई है।
अब एलोन मस्क आखिरकार इंसानों पर अपनी ब्रेन चिप का परीक्षण शुरू कर सकते हैं। उनकी कंपनी न्यूरालिंक, जो मस्तिष्क-प्रत्यारोपण तकनीक पर ध्यान केंद्रित है, उन्होंने घोषणा की कि उसे अपने पहले मानव नैदानिक परीक्षण के लिए यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से मंजूरी मिल गई है। यह न्यूरालिंक के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि इसने अतीत में अनुमोदन प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना किया था।
न्यूरालिंक क्या है? तकनीक कैसे बदल रही है इसका सबसे सटीक उदाहरण एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक है। दरअसल, यह कंपनी इंसानों के दिमाग में एक कंप्यूटर चिप लगाएगी, जिसकी मदद से इंसान के दिमाग को नियंत्रित किया जा सकेगा और इसे सीधे कंप्यूटर से जोड़ा जाएगा। मस्क की कंपनी को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी FDA ने क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है। यानी अब वे इंसानों में चिप लगाकर न्यूरालिंक तकनीक का परीक्षण कर सकते हैं कि यह कैसे काम कर रही है और इससे क्या संभव है। क्लीनिकल ट्रायल के लिए उन लोगों को चुना जाएगा, जो खुद इस काम के लिए राजी होंगे। यानी इसके लिए कंपनी की ओर से एक फॉर्म जारी किया जाएगा, जिसे इच्छुक लोग भरकर इस ट्रायल का हिस्सा बन सकते हैं।
We are excited to share that we have received the FDA?s approval to launch our first-in-human clinical study!
? Neuralink (@neuralink) May 25, 2023
This is the result of incredible work by the Neuralink team in close collaboration with the FDA and represents an important first step that will one day allow our?
न्यूरालिंक चिप क्या है? अगर आसान भाषा में कहें तो ये एक माइक्रो चिप होगी यानि एक छोटी AI चिप जो इंसान के दिमाग को पढ़ लेगी और इसकी मदद से विकलांग लोगों का इलाज किया जा सकेगा। इस चिप की मदद से कई बीमारियों का समय पर पता भी लगाया जा सकता है और उनका इलाज भी किया जा सकता है। यह न्यूरालिंक चिप कंप्यूटर से जुड़ी होगी और व्यक्ति बिना बोले भी कंप्यूटर और मोबाइल पर काम कर सकेगा। यानी चिप आपके दिमाग को पढ़ लेगी और बिना बोले सारी हरकतें होती रहेंगी। न्यूरालिंक चिप उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो पक्षाघात, अंधापन, स्मृति हानि और न्यूरो संबंधी बीमारियों से पीड़ित हैं।
इस तकनीक के बारे में और जानकारी तो आने वाले समय में ही पता चल पाएगी कि यह चिप कैसे सबकुछ ऑपरेट करती है। लेकिन फिलहाल मस्क की कंपनी को यूएसएफडीए की मंजूरी मिल गई है यानी जल्द ही ह्यूमन ट्रायल होगा और इसकी भयावहता हम सबके बीच होगी। बता दें, यूएसएफडीए ने मस्क की कंपनी न्यूरालिंक को ह्यूमन ट्रायल करने से पहले सभी सावधानियों को ध्यान में रखने को कहा है ताकि कोई चूक न हो। एलन मस्क ने खुद कहा है कि मानव परीक्षण करने से पहले कंपनी इस विषय में पूरी जानकारी एकत्र करेगी और उस पर शोध करेगी और फिर कुछ कदम उठाएगी।