3 अक्टूबर 2016, भारत आधिकारिक रूप से पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते में शामिल हो गया है। संयुक्त राष्ट्र अंबेसडर के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा हस्ताक्षर किया गया दस्तावेज सौंपा। गांधी जयंती के मौके पर आयोजित समारोह में संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी और वरिष्ठ राजनयिक मौजूद रहे। पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते में भारत के शामिल होने पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नई दिल्ली की तारीफ की। ओबामा ने भारत की तारीफ करते हुए लिखा- "गांधीजी हमारे बच्चों के लिए दुनिया बनाना चाहते थे। पेरिस समझौते में शामिल होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीयों ने वही विरासत आगे बढ़ाई है।" इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब देते हुए लिखा- "प्रकृति के प्रति प्यार और चिंता भारतीय संस्कृति है। भारत जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करने को कटिबद्ध है।" गांधी जयंती के मौके पर पेरिस समझौते को पूरा करने पर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने कहा कि "सभी भारतीयों को धन्यवाद।" मून ने यह संदेश संयुक्त राष्ट्र न्यूज सेंटर पर एक वीडियो में दिया। उन्होंने कहा- "पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते में शामिल होकर आज भारत की सरकार ने वैश्विक नेतृत्व दिखाया है। यह एेतिहासिक कदम भारत की समृद्धि और विकास को और तेज करेगा।
Gandhiji believed in a world worthy of our children. In joining the Paris Agreement, @narendramodi & the Indian people carry on that legacy.
— President Obama (@POTUS) October 2, 2016
Care & concern towards nature is integral to the Indian ethos. India is committed to doing everything possible to mitigate climate change. https://t.co/cKLlIu2J7S
— Narendra Modi (@narendramodi) October 2, 2016
फ्रांस ने भी भारत के पेरिस समझौते में शामिल होने का स्वागत किया है। फ्रांस का कहना है कि इस फैसले से दोनों देश 'एक दूसरे के और करीब आएंगे।" भारत ग्रीनहाउस गैसों का तीसरा सबसे बड़ा उत्सर्जक है। फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है- "महात्मा गांधी के जन्मदिन पर, गणतंत्र के राष्ट्रपति (फ्रांसिस ओलांद) भारत द्वारा पेरिस समझौते के अनुसमर्थन का समर्थन करते हैं।" फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने याद किया कि भारत ने दिसंबर 2015 में इस समझौते को अपनाने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने कहा, "हम भारत के साथ करीबी दोस्ती बरकरार रखना चाहते हैं और जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ ऊर्ज पर साथ काम करना चाहते हैं। हम नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री मोदी और उन सभी का जिन्होंने कई साल इस समझौते के लिए काम किया है, उनकी सराहना करते हैं।"