भोपाल 5 अक्टूबर 2016, प्रदेश के सभी जिलों पुलिस महकमे के अंतर्गत चल रही करीब एक हजार डायल हण्डे्रड वाहनों के शीर्ष पर लाल-नीली बत्ती लगाने का अधिकार एक साल बाद मिला है। इससे पहले वह बिना अधिकृत परमीशन के इस बत्ती का उपयोग कर रही थीं।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में घटनाओं पर क्विक रिस्पोंस हेतु डायल हण्ड्रेड योजना की शुरुआत 1 नवम्बर 2015 से की गई हैं तथा यह प्रदेश के सभी जिलों में संचालित है। इसके वाहनों को इमर्जेन्सी व्हीकल यानी फस्र्ट रिस्पोंस व्हीकल कहा जाता है। इन वाहनों के शीर्ष पर लाल-सफेद-नीली बत्ती यानी टॉप माउन्टेड रनिंग मल्टीपल लाईट्स की एक लम्बी पट्टिका लगी है। अब तक इन बत्तियों का उपयोग बिना अधिकृत परमीशन के ही हो रहा था। परन्तु अब राज्य के परिवहन विभाग ने केंद्रीय मोटरयान नियम,1989 के नियम 108 के तहत इस बत्ती के उपयोग की अनुज्ञा प्रदान की है। लेकिन यह अनुज्ञा भी अभी अधूरी है क्योंकि दी गई अनुज्ञा में सिर्फ लाल एवं नीली बत्ती ही लगाने का अधिकार दिया गया है तथा इनके बीच में लगी सफेद बत्ती के उपयोग के बारे में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। ऐसे में अभी भी डायल हण्ड्रेड वाहनों पर इन सफेद बत्ती के उपयोग की अनुमति नहीं है लेकिन ये वाहन धड़ल्ले से इसका उपयोग कर रहे हैं।
डायल हण्ड्रेड के प्रभारी एडीजीपी अन्वेष मंगलम के अनुसार, डायल हण्ड्रेड वाहनों में लाल-सफेद-नीली बत्ती लगाने का अधिकार की अनुज्ञा तो इसकी शुरुआत में ही मिल जाना चाहिये थी परन्तु वल्लभ भवन के परिवहन विभाग में फाईल गुम हो जाने के कारण दोबारा इसका आवेदन करना पड़ा तथा अब जाकर इसकी अनुज्ञा मिली है। हांलाकि इन बत्तियों के एपयोग की फाईलों में अनुमति मिली हुई। हमने तो जिला कलेक्टरों से डायल हण्ड्रेड वाहन सार्वजनिक स्थलों पर खड़े करने एवं वन-वे में भी जाने की अनुमति ले रखी है। सफेद बत्ती का दी गई अनुज्ञा में उल्लेख न होने के मामले को दिखवायेंगे।
- डॉ नवीन जोशी
डायल हण्ड्रेड को एक साल बाद मिला लाल-नीली बत्ती लगाने का अधिकार
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भोपाल 👤By: वेब डेस्क Views: 17932
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