मध्यप्रदेश राज्य मंत्रिपरिषद ने फैसला किया है कि पंचायत चुनाव में वे ही लोग उम्मीदवार बन सकेंगे जिनके घर पर शौचालय होगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत मंत्रिपरिषद ने यह फैसला किया है।
राज्य मंत्रालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इसके अलावा यह भी निर्णय हुआ कि दैनिक वेतन भोगियों और कार्यभारित कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए वित्त मंत्री अधिकृत होंगे। वे उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण करेंगे। कैबिनेट ने प्रदेश में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा किए जा रहे व्यापार पर अब एंट्री टैक्स छह फीसदी लगाने का भी निर्णय लिया है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में एससी-एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए हो रही बैकलॉग पदों की भर्ती की अंतिम तारीख 1 जुलाई 2016 से बढ़ाकर 20 जून 2017 कर दी है। प्रदेश की सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासकीय स्वीकृति भी प्रदान की गई है। कैबिनेट ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में मप्र के प्रतिनिधित्व को बढ़ाए जाने पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त किया है। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों और अफसरों के साथ संयुक्त बैठक रखी जिसमें कामकाज की समीक्षा की गई।
कैबिनेट का फैसला, शौचालय न होने पर नहीं लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव!
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