8 अक्टूबर 2016, भारत और न्यूजीलैंड सीरीज के तीसरे टेस्ट की मेजबानी के साथ ही आठ अक्टूबर 2016 का दिन इंदौर क्रिकेट के लिए सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया. इंदौर का होलकर स्टेडियम टेस्ट मैचों की मेजबानी करने वाला देश का 22वां सेंटर बन गया है.
शनिवार को आखिरकार वह क्षण आ गया, जिसका इंदौर क्रिकेट को बरसों से इंतजार था. चार वनडे मैचों की मेजबानी के बाद अब शहर का होलकर स्टेडियम टेस्ट मैच आयोजित करने वाला सेंटर भी बन गया है.
इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर कुमार धर्मसेना भी बने हैं. इस मैच में अंपायरिंग का दायित्व निभा रहे धर्मसेना मैदान में मौजूद अकेले ऐसे शख्स हैं, जो इंदौर के ऐतिहासिक दिन के साथ इंदौर क्रिकेट के काले दिन के भी गवाह रहे हैं.
दरअसल, 19 साल पहले 25 दिसंबर 1997 को भारत और श्रीलंका के बीच इंदौर के नेहरू स्टेडियम में खेला गया वनडे मुकाबला 18 गेंदों के बाद निरस्त हो गया था. खराब पिच की वजह से रोके गए इस मुकाबले में धर्मसेना भी श्रीलंकाई टीम में शामिल थे. हालांकि, धर्मसेना को बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों का ही मौका नहीं मिला था.
इंदौर क्रिकेट के लिए वह काला दिन था. आईसीसी ने सख्त फैसला लेते हुए इंदौर के नेहरू स्टेडियम को दो साल के लिए बैन कर दिया था.
अब नेहरू स्टेडियम पर इंटरनेशनल क्रिकेट मुकाबले नहीं होते. उसकी जगह मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने होलकर स्टेडियम के रूप में अपना खुद का मैदान तैयार कर लिया है, जहां अब तक खेले गए सभी चार वनडे मैचों में भारतीय टीम ने जीत हासिल की हैं. वहीं, शनिवार को इसे टेस्ट सेंटर का दर्जा भी मिल गया.
और सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया इंदौर का होलकर स्टेडियम
Place:
भोपाल 👤By: वेब डेस्क Views: 17510
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