20 ई-बाइक बनाने की योजना है
24 फरवरी 2024। MANIT के छात्रों ने एक ई-साइकिल बनाई है, जो जियो-फेंसिंग और जीपीएस तकनीक से लैस है। यह पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण करेगा, प्रदूषण और यातायात को कम करेगा। पैडल असिस्ट सेंसर से लैस ई-साइकिल पेट्रोल और पार्किंग की जगह बचाती है।
संस्थान के इलेक्ट्रिक वाहन क्लब के 20 छात्रों की एक टीम ने छात्र समन्वयक यश अटलानी (तृतीय वर्ष इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), छात्र सह-समन्वयक आयुष जैन (तृतीय वर्ष इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) और अमन के नेतृत्व में मौजूदा साइकिल से एक प्रोटोटाइप ई-साइकिल बनाई है। शर्मा (तृतीय वर्ष सामग्री इंजीनियरिंग) संकाय सलाहकार प्रोफेसर शैलेन्द्र जैन और संकाय समन्वयक एसोसिएट प्रोफेसर अमित ओझा के साथ। उनकी योजना पांच महीने में ऐसी 20 और ई-साइकिल बनाने की है।
इसके अलावा, इसमें गति, दूरी, खाली रेंज और ओडोमीटर सुविधाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक डिजिटल मीटर है। इसके डिजिटल कंट्रोलर को एक चाबी से संचालित किया जा सकता है। चार्जिंग स्टेशन और ई-बाइक डेटा को माइक्रोप्रोसेसर और माइक्रोकंट्रोलर द्वारा एकत्र और मॉनिटर किया जाएगा।
यश ने बताया कि उन्होंने इवॉल्व ऐप भी बनाया है, जो राइड बुक करने में मदद करेगा। बुकिंग के बाद इसे फोन से कनेक्ट कर बैटरी, रेंज, स्पीड, लोकेशन और आसपास के चार्जिंग स्टेशन की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। आर्यन बार्गल, अभिनव सिंह, शिवि मिश्रा और पशुपतिनाथ सोनी ने IoT एप्लिकेशन और सर्किट को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
यश ने कहा, "मैनिट परिसर में मोबाइल ऐप-नियंत्रित साइकिल प्रणाली के साथ 20 साइकिलों के साथ इलेक्ट्रिक साइकिल पारिस्थितिकी तंत्र शुरू करने की योजना है।" एक ई-साइकिल की कीमत 20,000 रुपये से 21,000 रुपये है। उन्होंने कहा कि 20 ई-साइकिल के निर्माण के लिए अनुमानित लागत कम होगी।
मैनिट के छात्रों ने जियो-फेंसिंग, जीपीएस तकनीक से ई-साइकिल बनाई
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 1302
Related News
Latest News
- सिवनी में जल सुरक्षा और ग्राम विकास के लिए 13 वर्षों से रिलायंस फाउंडेशन कर रहा काम
- मोहन यादव कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला: गरीब कल्याण मिशन को मिली मंजूरी, बहुआयामी विकास पर जोर
- 8.3 करोड़ रुपये में मेलानिया ट्रंप के साथ डिनर का मौका: रिपोर्ट
- भारत में मानवता का सबसे बड़ा समागम: महाकुंभ उत्सव की शुरुआत
- जियो का 5जी नेटवर्क, दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर पहुंचा
- भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवा दें हर संभव योगदान: मुख्यमंत्री डॉ. यादव