5 दिसंबर 2024। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे लगातार अत्याचार और तोड़े जा रहे मंदिरों के विरोध में विराट आक्रोश प्रदर्शन किया गया। भारत माता चौक, भोपाल (डिपो चौराहा) पर बुधवार को आयोजित इस प्रदर्शन में लगभग डेढ़ लाख की संख्या में सकल हिंदू समाज शामिल हुआ। इसमें हिंदू समाज के साथ कई सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन के साथ ही मातृ शक्ति भी सम्मिलित हुई। वैसे तो कार्यक्रम का समय दोपहर दो बजे से था लेकिन 11 बजे से ही कार्यक्रम स्थल पर हजारों की संख्या में लोग जुड़ने लगे थे। कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने संबोधित किया। इनके अलावा मंच पर महामंडलेश्वर सुदेश शांडिल्य करुणा धाम, महामंडलेश्वर राम प्रवेश महाराज गुफा मंदिर, संतश्री सिद्ध भाऊ बैरागढ़, डॉ. पीएस बिंद्रा नेत्र चिकित्सक, अशोक पांडे पूर्व अध्यक्ष लोक सेवा आयोग, डॉ. राजेश सेठी हृदय रोग विशेषज्ञ सहित सिख, बौद्ध समाज के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। सामुहिक रूप से हनुमान चालीसा और राम धुन का पाठ हुआ!
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— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) December 4, 2024
Vishwa Hindu Parishad & RSS helds 'MASSIVE' protests in Bhopal over Atrocities against Bangladeshi Hindus 🔥
Finally, Hindus are uniting. 'Batenge toh Katenge', 'Ek hai toh Safe hai' 🎯 pic.twitter.com/VvDSYjvsxZ
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर रामप्रवेश महाराज ने कहा कि हिंदू समाज को अब एक होने की आवश्यकता है। भेदभाव को मिटाना चाहिए। जिस तरह कुएं, नदी, तालाब में जल तत्व एक ही है। उसमें कोई भेद नहीं। वैसे ही समस्त सनातन समाज एक है। इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष मनोज बांगा ने हिंदू समाज की ओर से तैयार किए ज्ञापन का वाचन किया। वहीं करुणा धाम के महाराज सुदेश शांडिल्य ने समस्त हिंदू समाज को बांगलादेश के अल्पसंख्यक हिंदू समाज के साथ खड़े रहने का संकल्प दिलाया। डिपो चौराहा पर आयोजित कार्यक्रम डेढ़ घंटे चला इसके बाद चौराहा से विशाल रैली रोशनपुरा की ओर निकाली गई, जिसमें लगभग डेढ़ लाख की संख्या में हिंदू समाज शामिल हुआ। रोशनपुरा में इस विशाल रैली का नेतृत्व करने वाले संत महंतों ने कमिश्नर संजीव सिंह को ज्ञापन सौंपा।
सभी धार्मिक पुस्तकों की समीक्षा होनी चाहिए कि आखिर हेट स्पीच कहां से आ रही है: अश्विनी उपाध्याय
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि सभी धर्म की पुस्तकों की समीक्षा होना चाहिए कि आखिर हेट स्पीच कहां से आ रहा है। मैंने इस संबंध में कोर्ट में याचिका भी दायर की है कि हेट स्पीच को परिभाषित किया जाए। महात्मा गांधी ने कहा है कि अपराधी से घृणा नहीं करनी चाहिए, अपराध से घृणा होना चाहिए। वैसे ही मेरा मानना है कि जिहादी मानसिकता तैयार कहां से किन किताबों से होती है, इसे खत्म करना जरूरी है।
सभी पार्षद, प्रधान, विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री बताएं कि यदि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना और सभी पंथ एक समान होते हैं तो पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और आडवाणी जी को पाकिस्तान में अपना मकान, दुकान, खेत, खलिहान छोड़कर क्यों भागना पड़ा।
सभी वकील, जज बताएं कि फली नारीमन, सोली सोराबजी, राम जेठमलानी और अरुण जेटली को पाकिस्तान छोड़कर क्यों आना पड़ा।
सभी हीरो-हीरोइन, फिल्म निर्माता, निर्देशक बताएं कि सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, प्रेम चोपड़ा, कपूर परिवार को पाकिस्तान छोड़ कर क्यों भागना पड़ा। लेखक, पत्रकार, कलमकार सभी खिलाड़ी बताएं कि गुलजार, खुशवंत सिंह, लाला अमरनाथ, मिल्खा सिंह को पाकिस्तान छोड़कर क्यों आना पड़ा।