गैस त्रासदी पीड़ितों की रिपोर्ट का डिजिटलीकरण: सरकार ने बताया 550 दिनों में पूरा होगा काम

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 297

8 जनवरी 2025। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों की मेडिकल रिपोर्ट का डिजिटलीकरण (ऑनलाइन) करने के संबंध में मध्य प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा पेश किया। इसमें कहा गया कि 2014 से पहले के मेडिकल रिकॉर्ड काफी पुराने हैं, इस कारण रोजाना केवल 3000 पृष्ठों को ही स्कैन किया जा सकता है। अनुमान के अनुसार, इस प्रक्रिया को पूरा करने में करीब 550 दिनों का समय लगेगा। हालांकि, सरकार ने यह भी बताया कि कार्य शुरू होने के बाद ही अंतिम समय सीमा की घोषणा की जा सकेगी।

हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विशाल जैन की पीठ ने सरकार के स्वास्थ्य सचिव और बीएमएचआरसी के निदेशक को निर्देश दिया कि वे एक संयुक्त बैठक कर मेडिकल रिपोर्ट्स के डिजिटलीकरण के लिए अंतिम कार्ययोजना तैयार करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकारी अधिकारियों को इस कार्य को गंभीरता से पूरा करना चाहिए, और यह भी कहा कि निर्धारित कार्य में ढिलाई दिखाई दे रही है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।

सुनवाई के दौरान सरकार ने यह भी बताया कि एनआईसी ने ई-हॉस्पिटल परियोजना के तहत क्लाउड सर्वर की स्थापना के लिए एक प्रस्ताव भेजा है, जो वित्तीय अनुमोदन के लिए वित्त विभाग के पास लंबित है। इसे 2025-26 के वित्तीय वर्ष में बजट आवंटन के बाद कार्यान्वित किया जाएगा, और स्कैन किए गए दस्तावेज़ को सर्वर में शामिल किया जाएगा। एनआईसी के प्रस्ताव के अनुसार, पूरा काम एक साल में पूरा होने की संभावना है।

यह याचिका 2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर की गई थी। कोर्ट ने 20 महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए थे, जिनका पालन सुनिश्चित करने के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई थी। यह कमेटी तीन महीने में अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करती है, और इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र और राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश दिए जाते हैं।

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