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एम्स भोपाल में जल्द ही शुरू होंगे हाइब्रिड कार्डियक ऑपरेटिंग रूम्स

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 650

7 दिसंबर 2024। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के नेतृत्व में, संस्थान ने शोध और चिकित्सा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं। उनके मार्गदर्शन में एम्स भोपाल के कार्डियो थोरासिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर, डॉ. विक्रम वट्टी ने कॉन्जेनिटल एंड स्ट्रक्चरल हार्ट (CASH) इंटरवेंशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम में सफलतापूर्वक भाग लिया। यह कार्यक्रम चेन्नई में मद्रास मेडिकल मिशन द्वारा 29 नवंबर से 1 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया गया था। प्रो. सिंह ने इस उपलब्धि पर डॉ. विक्रम वट्टी को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, "इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में डॉ. वट्टी की भागीदारी हमारे फैकल्टी की क्षमता और सतत्‌ व्यावसायिक विकास पर एम्स भोपाल के फोकस का प्रमाण है। इस तरह के अवसर विशेष चिकित्सा देखभाल को आगे बढ़ाने और हमारे संस्थान को भारत में स्वास्थ्य सेवा नवाचार के अग्रणी के रूप में बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।"

इस अवसर पर डॉ. वट्टी ने हाइब्रिड कार्डियक ऑपरेटिंग रूम्स की भूमिका और इसके आधुनिक हृदय देखभाल में योगदान के बारे में अपने विचार साझा किए। हाइब्रिड कार्डियक ऑपरेटिंग रूम्स एक अत्याधुनिक सर्जिकल सुइट है, जिसमें उन्नत इमेजिंग तकनीक और सभी सुविधाओं से युक्त ऑपरेटिंग रूम की सुविधाएं एक साथ मिलती हैं। इस नवाचार के माध्यम से डॉक्टर पारंपरिक सर्जिकल प्रक्रियाओं और मिनिमली इनवेसिव इंटरवेंशनल टेक्निक्स को एक ही स्थान पर बिना किसी विघ्न के कर सकते हैं। हाइब्रिड कार्डियक सर्जरी का उपयोग विभिन्न हृदय रोगों के इलाज के लिए किया जाता है, जैसे कि एंडोवस्कुलर एओर्टिक रिपेयर, हाइब्रिड कोरोनरी आर्टरी रिवास्कुलराइजेशन, हाइब्रिड एरिथमिया प्रक्रियाएं, और हाइब्रिड कॉन्जेनिटल प्रक्रियाएं। डॉ. वट्टी ने कहा कि हाइब्रिड कार्डियक सर्जरी के कई लाभ हैं, जैसे कि सर्जिकल जटिलताओं का जोखिम कम होना, रिकवरी में कम समय लगना। इस कारण मरीजों एवं उनके परिवारों को भी कम तनाव होगा। हाइब्रिड सर्जरी को एक स्टेज या दो स्टेज प्रक्रिया के रूप में किया जा सकता है। एक स्टेज प्रक्रिया में सभी उपचार एक ही सत्र में किए जाते हैं, जबकि दो स्टेज प्रक्रिया में कैथिटर-बेस्ड इंटरवेंशंस और शल्य चिकित्सा के बीच एक अंतराल होता है। मद्रास मेडिकल मिशन ने देश भर से 20 कार्डियोलॉजिस्ट को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। हालांकि, डॉ. विक्रम वट्टी इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में आमंत्रित होने वाले एकमात्र कार्डियक सर्जन थे। यह कार्यक्रम मद्रास मेडिकल मिशन के डॉ. के. शिव कुमार के नेतृत्व में आयोजित किया गया जिसने देश के अग्रणी चिकित्सा विशेषज्ञों के बीच कौशल विकास, व्यावहारिक प्रशिक्षण और ज्ञान साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया।


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