8 जून 2024। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका परमाणु हथियारों के मुद्दों पर रूस और चीन के प्रति अधिक कठोर रुख अपनाने पर विचार कर रहा है। यह एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव है। ऐसा माना जा रहा है कि परमाणु अप्रसार वार्ता में दोनों देशों के साथ अमेरिकी अधिकारियों को जैसी प्रगति की उम्मीद थी, वैसी प्रगति नहीं हुई है।
इससे पहले, अमेरिका परमाणु भंडार को कम करने और परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता देता था। हालांकि, हालिया घटनाक्रमों ने रणनीति में बदलाव को प्रेरित किया है।
"परमाणु दबाव" की सटीक प्रकृति अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, इसमें संभावित रूप से निम्नलिखित उपाय शामिल हो सकते हैं:
रूस और चीन के पास परमाणु क्षमता वाली सैन्य संपत्तियों को शामिल करने वाले व्यापक सैन्य अभ्यास।
अमेरिकी परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण का प्रयास।
इन देशों की सीमा से लगने वाले देशों के साथ गठबंधन को मजबूत करना।
परमाणु अप्रसार लक्ष्यों पर सहयोग के लिए दबाव बनाने के लिए सख्त आर्थिक प्रतिबंध।
इस दृष्टिकोण की प्रभावशीलता पर बहस होने की संभावना है। कुछ का मानना है कि यह रूस और चीन को वार्ता की मेज पर वापस लाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, वहीं कुछ अन्य लोगों को डर है कि यह तनाव को बढ़ा सकता है और एक नई परमाणु हथियारों की होड़ को जन्म दे सकता है।
अभी तक व्हाइट हाउस ने रणनीति में बदलाव की खबरों पर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है। आने वाले दिनों और हफ्तों में इस जटिल भू-राजनीतिक परिदृश्य में अमेरिका के कदमों को लेकर और भी घटनाक्रम देखने को मिल सकते हैं।
परमाणु दबाव: असफल कूटनीति के बाद रूस और चीन पर अमेरिका का रणनीतिक बदलाव
Place:
वाशिंगटन डी.सी. 👤By: prativad Views: 1380
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