22 जून 2024। एडिशनल डीसीपी (क्राइम) शैलेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि धोखाधड़ी के तरीके से डेटा चोरी और बेचने की प्रबल संभावना है। उन्होंने बताया कि बीमा कंपनियों के कई कर्मचारी ग्राहकों का डेटा बेचने में लिप्त हैं, जिससे लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
विभिन्न व्यवसायों से जुड़े कई लोगों को ठगने के बाद, साइबर ठग कमीशन-मुक्त सेवा का ऑफर देकर बीमा पॉलिसी धारकों को निशाना बना रहे हैं। पिछले डेढ़ महीने में भोपाल में कुल 15 ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिनमें से सात लोग धोखाधड़ी का शिकार हुए और उन्हें 4.5 लाख रुपये तक का नुकसान हुआ।
अवधपुरी निवासी व्यवसायी विनय तनवानी ने एक निजी कंपनी से स्वास्थ्य बीमा लिया था। उन्हें 15 दिन पहले एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को उसी कंपनी का अधिकारी बताया। उन्होंने तनवानी को बताया कि जब से उन्होंने पॉलिसी ली है, तब से उनके एजेंट ने उनकी किस्त जमा करके 2 लाख रुपये से अधिक का कमीशन कमाया है, जिसका लाभ वे अपनी पॉलिसी के तहत उठा सकते थे।
उन्होंने कहा कि तनवानी अभी भी लाभ उठा सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें 70,000 रुपये देने होंगे। तनवानी ने कॉल करने वाले को रकम ट्रांसफर की तो पता चला कि कॉल साइबर जालसाज की तरफ से की गई थी।
स्थानीय निवासी सौरभ अग्रवाल, इरा जायसवाल और कई अन्य लोगों ने भी ठगों के हाथों मोटी रकम गंवा दी। सभी शिकायतकर्ताओं ने जिला साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि कॉल करने वाले ने उन्हें पॉलिसी के बारे में जो भी जानकारी दी, वह सही थी। इसलिए उन्होंने कॉल करने वाले की बातों पर विश्वास कर लिया और ठगी का शिकार हो गए।
जिला साइबर क्राइम अधिकारियों ने सभी घटनाओं की जांच शुरू कर दी है और कहा कि उन्होंने मौजूदा उपद्रव के बारे में बीमा कंपनी को सूचित कर दिया है।
बीमा डेटा चोरी: एक महीने में 7 लोग हुए ₹4.5 लाख के नुकसान का शिकार, कमीशन-मुक्त पॉलिसी का झांसा
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 2459
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