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शैक्षणिक डायरी योजना फ्लॉप कर दी शिक्षकों ने ढाई लाख शिक्षकों ने लगाया सरकार को पलीता

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Place: भोपाल                                                👤By: वेब डेस्क                                                                Views: 19695

21 अक्टूबर 2016, स्कूलों में क्या पढ़ाया जा रहा है इसका लेखा-जोखा रखने के लिए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में शैक्षणिक डायरी बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस योजना को प्रदेश के ढाई लाख शिक्षकों ने पलीता लगाकर रख दिया है। योजना के तहत शिक्षकों को अपनी एक डायरी बनाकर रोज की शैक्षणिक गतिविधि के बारे में ब्यौरा दर्ज करना था, लेकिन ये योजना पूरी तरह से चौपट हो गई है।



डायरी योजना के अंतर्गत शिक्षकों को अपनी कक्षा का रोज "लेसन प्लान" तैयार करना था, जिसके अंतर्गत कौन सी यूनिट आज पढ़ाई और कौन सी कल पढ़ानी है, इसका पूरा ब्यौरा डायरी में लिखा जाना था। शिक्षक अपनी डायरी मेंटेन कर रहे हैं कि नहीं, इसके लिए जनशिक्षकों और संकुल प्राचार्यो को डायरी की मॉनीटरिंग का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन मॉनीटरिंग करने वाले प्रभारियों के सिर पर विभाग ने इतने गैर शैक्षणिक काम सौंप दिए कि वे डायरी की मॉनीटरिंग का कार्य एक दिन भी नहीं कर सके।



गौरतलब है कि प्रदेश के ज्यादातर शिक्षकों ने न तो डायरी बनाई और न ही उसे दैनिक पढ़ाई के कार्य से अपडेट किया। डायरी न लिखने की सबसे बड़ी वजह शिक्षकों द्वारा गैर शैक्षणिक कार्य करना है। इस वजह से प्रदेश के ज्यादातर शिक्षक पढ़ाई की बजाए दूसरे कार्य करते नजर आए। इससे न तो डायरी मेंटेन हो रही है और न ही बच्चों की पढ़ाई हो सकी। डायरी का असर लाखों छात्रों की पढ़ाई पर दिखाई दे रहा है। क्योंकि ज्यादातर स्कूलों में शिक्षकों ने पढ़ाने से छमाही का कोर्स पूरा नहीं हो पाया है। प्रदेश के ज्यादातर शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने का काम छोड़ सरकार की अन्य योजनाओं में लेपटॉप वितरण, सायकिल वितरण और छात्रवृत्ति योजना में काम करते दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा सर्वे कार्य और समग्र आईडी जैसे कई अन्य कार्य में शिक्षकों को बैल की तरह जोत रखा है।



ज्यादातर शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने की बजाए शिक्षा विभाग के प्रशिक्षण कर अपना आधा सत्र बिता देते हैं। शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के लिए बेसलाइन सर्वे, सेवाकालीन शिक्षक, प्रशिक्षण, एबीएल, हेडमास्टर, जन शिक्षा केन्द्र स्तरीय प्रशिक्षण, शाला प्रबंध समिति के सदस्यों के प्रशिक्षण, शाला सिद्धि कार्यक्रम, अंग्रेजी भाषा का प्रशिक्षण सहित कई अन्य प्रशिक्षणों में शिक्षक पढ़ाई छोड़ समयांतर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं।





- (डॉ. नवीन आनंद जोशी)

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