22 अक्तूबर 2016, गंगा नदी के संरक्षण, सुरक्षा एवं प्रबंधन हेतु केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता एवं केंद्रीय गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती के उपाध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा नदी प्राधिकरण का गठन कर दिया है। इसके कार्यक्षेत्र में मप्र को भी शामिल किया गया है।
केंद्र सरकार ने इस प्राधिकरण का गठन गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में पर्यावरणीय प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण एवं उपशमन और जल का सतत पर्याप्त प्रवाह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया है। गंगा नदी बेसिन वाले राज्य यथा मप्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, उप्र, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और नई दिल्ली में गंगा नदी की प्रमुख उपनदियां स्थित हैं तथा इन सभी राज्यों में नवगठित राष्ट्रीय गंगा नदी प्राधिकरण के निर्णय लागू होंगे। प्राधिकरण के तहत मप्र के उमरिया जिले में भी जिला गंगा समिति तथा प्रदेश स्तर पर राज्य गंगा समिति गठित होगी।
मप्र की सोन नदी है गंगा की सहायक नदी :
मप्र के उमरिया जिले के अमरकंटक से नर्मदा नदी के अलावा निकलने वाली सोन नदी गंगा की सहायक नदी है। सोन नदी या सोनभद्र नदी मप्र राज्य से निकल कर उत्तर प्रदेश, झारखंड के पहाडिय़ों से गुजरते हुए वैशाली जिले के सोनपुर में जाकर गंगा नदी में मिल जाती है। यह नदी मप्र के अमरकंटक के पहाड़ से निकलकर 350 मील का चक्कर काटती हुई पटना से पश्चिम गंगा में मिलती है। इस नदी का पानी मीठा, निर्मल और स्वास्थ्यवर्धक होता है। इसके तटों पर अनेक प्राकृतिक दृश्य बड़े मनोरम हैं।
प्रदेश के जल संसाधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मप्र के अमरकंटक से सोन नदी भी निकलती है जो आगे जाकर गंगा में मिलती है। केंद्र द्वारा प्राधिकरण का गठन करने के बाद इसके संबंध में आगे जो ड्राफ्ट आयेगा उस पर हम अपनी राय देंगे। इससे पहले हम गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में आने वाली बाढ़ के संबंध में आयोजित बैठकों में शामिल होते रहे हैं।
- डॉ नवीन जोशी
केंद्र के गंगा नदी प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र में मप्र भी शामिल हुआ
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