5 अगस्त 2024। सावन मास के तीसरे सोमवार को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में एक ऐतिहासिक घटना घटी। आज सुबह, भगवान महाकाल की शाही सवारी से पहले, शहर के शक्ति पथ पर 1500 से अधिक डमरू वादकों ने एक साथ डमरू बजाकर विश्व रिकॉर्ड कायम किया। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने इस कार्यक्रम की निगरानी की और इस उपलब्धि को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी।
गूंज उठी धरती, गूंज उठा आसमान
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) August 5, 2024
1500 डमरूओं के नाद से, अवंतिका नगरी ने रचा विश्व कीर्तिमान....
बाबा महाकाल की नगरी को डमरू की नाद से गुंजायमान करने की एक इच्छा आज साकार हो गई। आज पवित्र श्रावण के तीसरे सोमवार को जब भस्म आरती की धुन पर डमरू वादन कर उज्जैन ने "गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड? pic.twitter.com/UJDVS4vszG
उज्जैन में दर्ज हुआ
? Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) August 5, 2024
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड
श्रावण मास के तृतीय सोमवार को एक साथ गूंजा डमरू का निनाद@DrMohanYadav51@GWR #UjjainMahakaleshwar #ProudMPMoment #UnityInCulture #GuinnessWorldRecords pic.twitter.com/xEWAhn2HOH
इस अनूठे आयोजन का उद्देश्य भगवान महाकाल के प्रति भक्तों के अगाध श्रद्धा और भक्ति को प्रदर्शित करना था। डमरू वादकों ने भस्म आरती की मंत्रमुग्ध कर देने वाली धुन पर 10 मिनट तक लगातार डमरू बजाया। इस दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया और श्रद्धालुओं के चेहरे आस्था से ओत-प्रोत नजर आए।
यह विश्व रिकॉर्ड उज्जैन शहर के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा और यह शहर अब विश्व मानचित्र पर और अधिक मजबूती से अपनी पहचान बनाएगा।