
18 अप्रैल 2025 – मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को राजधानी भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय वन संरक्षण कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार से देश में सांपों की जनगणना (Snake Census) शुरू करने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विशेषकर किंग कोबरा जैसे सांप लुप्तप्राय हो चुके हैं, जिसका मुख्य कारण है—इनकी गणना और संरक्षण के लिए कोई ठोस प्रयास न होना।
"सांप काटते हैं, लोग पलायन करते हैं"
सीएम यादव ने कहा कि वनवासी क्षेत्रों में सांपों के काटने की घटनाएं आम हैं। खासकर महाकौशल अंचल में हर साल बड़ी संख्या में लोग इस कारण अपनी जान गंवाते हैं। उन्होंने बताया कि डर के कारण ग्रामीण लोग शहरी इलाकों की ओर पलायन कर रहे हैं, जिससे न केवल जनसंख्या का असंतुलन हो रहा है, बल्कि ग्रामीण संस्कृति भी प्रभावित हो रही है।
सीएम यादव ने जोर देकर कहा कि किंग कोबरा जैसे सांप, जो दूसरे सांपों को खाते हैं, पारिस्थितिकी तंत्र में संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
"हम अब भी अंग्रेज़ों की लाश ढो रहे हैं"
वन नीति पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सागवान (टीक) के पेड़ों को लगाने की परंपरा ब्रिटिश शासन की देन है, जिसका उद्देश्य सिर्फ व्यावसायिक लाभ था। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा,
"हम अब भी अंग्रेजों की लाश अपने सिर पर ढो रहे हैं।"
उन्होंने वन क्षेत्रों में विविध प्रकार के वृक्षों के रोपण की आवश्यकता पर बल दिया।
चीतों के बाद अब बाघ भी देवास तक पहुँच चुके हैं
सीएम यादव ने बताया कि हाल ही में गांधी सागर अभयारण्य में चीतों की शिफ्टिंग की प्रक्रिया जारी है, और अब बाघ भी देवास तक पहुँच चुके हैं। लेकिन यह तथ्य अभी सरकारी रिकॉर्ड में नहीं दर्ज किया गया है, क्योंकि वहां कोई अभयारण्य नहीं है और कुछ संवेदनशील मुद्दे भी जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार इस विषय पर रणनीतिक चुप्पी साधे हुए है।
"आदिवासी और प्रकृति का रिश्ता हजारों साल पुराना"
सीएम यादव ने यह भी कहा कि वनों में हजारों वर्षों पुराने पवित्र स्थल मौजूद हैं, जो यह दर्शाते हैं कि आदिवासियों का प्रकृति के साथ गहरा और संतुलित संबंध रहा है। उन्होंने इन स्थलों की पहचान और संरक्षण की दिशा में और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने क्या कहा?
कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि आज दुनिया के सामने जैव विविधता का ह्रास, जलवायु परिवर्तन और रेगिस्तानीकरण जैसे गंभीर पर्यावरणीय संकट हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए संतुलित और व्यावहारिक रणनीतियों की जरूरत है।
आज भोपाल में ‘वन संरक्षण एवं जलवायु-समर्थ आजीविका’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के शुभारंभ पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री @DrMohanYadav51 जी की गरिमामयी उपस्थिति में सभा को संबोधित किया।
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) April 18, 2025
विकसित भारत के संकल्प में वन्यजीवों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र को… pic.twitter.com/hn1MQIwJPT