जीसीसी, सेमी-कन्डक्टर्स, ड्रोन और एवीजीसी-एक्सआर पॉलिसी के लिए जारी होंगी गाइडलाइन्स

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Place: भोपाल                                                👤By: prativad                                                                Views: 296

इंदौर में 27 अप्रैल को होगी "एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025"

17 अप्रैल 2025। एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन इंदौर में 27 अप्रैल को होगा। इस कॉन्क्लेव में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों, नीति निर्माताओं और तकनीकी क्षेत्र के अग्रणी विशेषज्ञ शामिल होंगे। कॉन्क्लेव में मध्यप्रदेश सरकार की ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स पॉलिसी, सेमी-कंडक्टर्स पॉलिसी, ड्रोन पॉलिसी और एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) पॉलिसी के क्रियान्वयन के लिए गाइडलाइन जारी की जाएंगीं।

राज्य सरकार का उद्देश्य है कि ये गाइडलाइन्स सरकार और निवेशकों के बीच एक पारदर्शी सेतु सिद्ध हों। गाइडलान्स में पात्रता मापदंड, आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक प्रपत्र, मानक संचालन प्रक्रिया, समय-सीमाएँ और अपील प्रणाली जैसे सभी पहलुओं को विस्तारपूर्वक समझाया गया है। ये गाइलाइन्स प्रशासनिक दस्तावेज मात्र नहीं, बल्कि नीतियों को धरातल पर साकार करने की स्पष्ट रूपरेखा हैं।

राज्य सरकार ने नीतियों की घोषणा से उन पर अमल के लिये गाइडलाइन्स तय करने की प्रक्रिया को रिकॉर्ड दो महीनों में पूरा कर लिया है। इन 4 नीतियों की घोषणा 24 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में की गई थी। एमपी इन्वेस्टमेंट पोर्टल से यह पूरी प्रक्रिया पेपरलेस, पारदर्शी और समयबद्ध होगी। पोर्टल में रियल-टाइम डैशबोर्ड, ऑटोमेटेड वर्कफ़्लोज़ और एकीकृत सिंगल-विंडो सिस्टम का समावेश किया गया है।

जीसीसी पॉलिसी के लिये गाइडलाइन्स
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति के तहत मध्यप्रदेश को डेटा एनालिसिस, साइबर सुरक्षा, अनुपालन, एआई रिसर्च और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में वैश्विक कंपनियों के लिए पसंदीदा स्थल बनाने के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें लेवल-1 और एडवांस्ड जीसीसी के लिए पूंजी निवेश प्रोत्साहन, वेतन सब्सिडी, किराया प्रतिपूर्ति और ब्याज सहायता जैसे प्रावधान होंगे। साथ ही एआई और सायबर सुरक्षा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिये विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

सेमी-कंडक्टर नीति के लिए गाइडलाइन्स
सेमीकंडक्टर नीति के अंतर्गत फेबलेस कंपनियों और विनिर्माण इकाइयों दोनों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें डिज़ाइन प्रतिपूर्ति, आधारभूत संरचना सहायता, ईपीएफ प्रोत्साहन और चिप टेप-आउट अनुदान शामिल हैं। यह नीति विशेष रूप से भारत सरकार की डीएलआई योजना के अंतर्गत आने वाली दूसरी कंपनियों को समान अवसर प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। बड़े प्रस्तावों की तेज़ी से स्वीकृति के लिये कैबिनेट कमेटी को अधिकृत किया गया है।

ड्रोन नीति के लिए गाइडलाइन्स
ड्रोन नीति में ड्रोन निर्माण, पायलट प्रशिक्षण, सेवा वितरण और परीक्षण अवसंरचना को संस्थागत समर्थन दिया जाएगा। स्टार्ट-अप्स, निर्माता और ड्रोन-एस-ए-सर्विस प्रदाताओं को सीड-फंडिंग, नियामक समर्थन और कौशल विकास प्रोत्साहनों संबंधित लाभ दिये जाएंगे। कृषि, आपदा प्रबंधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में ड्रोन के अनुप्रयोग को प्रोत्साहित कर मध्यप्रदेश देश का अग्रणी यूएवी (मानव रहित विमान) नवाचार केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।

एवीजीसी-एक्सआर नीति के लिए गाइडलाइन्स
एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) क्षेत्र को राज्य की आर्थिक नीति में सम्मिलित करते हुए, मध्यप्रदेश सरकार इस नवाचारी क्षेत्र को बौद्धिक संपदा सृजन, अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँच, प्रतिभा विकास और स्टूडियो अवसंरचना की सुविधा प्रदान की जाएगी। उपकरण खरीद, को-वर्किंग स्पेस और स्टूडेंट इंटर्नशिप के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। यह नीति राज्य को भारत की मेटावर्स-रेडी क्रियेटिव औद्योगिक शक्ति बनाने में सहायक होगी।

पोर्टल-इंटीग्रेटेड, एक्शन-रेडी सुशासन
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी दिशा निर्देश एमपी इन्वेस्टमेंट पोर्टल में पूर्णतः एकीकृत हों, जहाँ एकीकृत विभागीय समन्वय, बिना पूछताछ वाली प्रक्रिया, रीयल-टाइम ट्रैकिंग और प्रोत्साहन वितरण की सुविधा होगी। यह मॉडल स्पष्ट समय सीमा, पात्रता मापदंड और प्रक्रियात्मक मानचित्र के माध्यम से नीति से निष्पादन की दिशा में एक निर्णायक कदम है। मजबूत संस्थागत सहयोग, क्षेत्र-विशेष रणनीतियाँ और निवेशक-प्रथम दृष्टिकोण के साथ, मध्यप्रदेश भारत की अगली पीढ़ी की तकनीकी अर्थव्यवस्था का केंद्र बनने को तैयार है।

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