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गूगल ने पेश किया क्रांतिकारी क्वांटम कंप्यूटिंग चिप 'विलो', मिनटों में हल होंगी असंभव गणनाएं

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Place: नई दिल्ली                                                👤By: prativad                                                                Views: 291

21 दिसंबर 2024। माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया – गूगल ने क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए अपनी नई चिप 'विलो' को पेश किया है। कंपनी का दावा है कि यह चिप कुछ ही मिनटों में ऐसे बेंचमार्क परीक्षण हल कर सकती है, जिन्हें हल करने में आधुनिक सुपरकंप्यूटरों को अरबों साल लग सकते हैं।

क्वांटम सुप्रीमेसी में एक और कदम
'विलो' गूगल के क्वांटम कंप्यूटिंग में किए गए पिछले प्रयासों का उन्नत संस्करण है। 2019 में, गूगल ने अपनी 'साइकैमोर' चिप के जरिए क्वांटम सुप्रीमेसी हासिल की थी। अब 'विलो' इस उपलब्धि को और भी ऊंचाई पर ले जाती है।

गूगल के इंजीनियरों ने 'विलो' को इस तरह डिजाइन किया है कि यह कहीं अधिक क्वांटम बिट्स (क्यूबिट्स) को संभाल सके। क्यूबिट्स क्वांटम कंप्यूटिंग की मूल इकाई हैं, और उनकी बढ़ी हुई क्षमता से ऐसे गणनात्मक कार्य संभव हो गए हैं, जो पहले असंभव माने जाते थे।

वास्तविक दुनिया में संभावनाएं
क्वांटम कंप्यूटिंग का असर कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी हो सकता है, जैसे:

दवा अनुसंधान: नई दवाओं के विकास में तेजी लाना, जिससे अणुओं की परस्पर क्रियाओं का सटीक अध्ययन हो सके।
जलवायु मॉडलिंग: जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की सटीक भविष्यवाणी और समाधान।
क्रिप्टोग्राफी: सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करना, हालांकि मौजूदा एन्क्रिप्शन विधियों के लिए यह चुनौती भी बन सकता है।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा, "विलो एक नई कंप्यूटिंग युग का प्रतीक है। इसकी क्षमताएं न केवल असंभव को संभव बनाती हैं, बल्कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और उद्योग में परिवर्तनकारी अनुप्रयोगों के द्वार भी खोलती हैं।"



आगे की चुनौतियां
हालांकि 'विलो' ने उम्मीदें बढ़ाई हैं, लेकिन क्वांटम कंप्यूटिंग अभी भी शुरुआती चरण में है। इसमें त्रुटि सुधार, बड़े पैमाने पर उत्पादन, और व्यावहारिक उपयोग जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। गूगल ने स्पष्ट किया है कि 'विलो' फिलहाल एक शोध उपकरण है और इसे व्यापक व्यावसायिक उपयोग के लिए तैयार होने में समय लगेगा।

क्वांटम दौड़ में बढ़त
गूगल का यह कदम वैश्विक क्वांटम कंप्यूटिंग दौड़ में इसे अग्रणी बनाता है, जहां आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट और अन्य स्टार्टअप्स भी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। हर कंपनी का लक्ष्य ऐसी क्वांटम प्रणाली विकसित करना है, जो शक्तिशाली और व्यावहारिक हो।

भविष्य की संभावनाएं
'विलो' के जरिए गूगल क्वांटम कंप्यूटिंग की सीमाओं को और आगे बढ़ा रहा है। यह चिप विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

जैसे-जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग विकसित हो रही है, 'विलो' मानवता को उन जटिल चुनौतियों को हल करने के करीब ला सकती है, जो अब तक असंभव मानी जाती थीं।

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