25 दिसंबर 2024। यूनाइटेड किंगडम के वैज्ञानिकों ने पहली बार संपूर्ण मानव जीनोम को "5D मेमोरी क्रिस्टल" पर संग्रहीत किया है। यह क्रिस्टल, जिसे साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान केंद्र की टीम ने विकसित किया है, मानवता के लिए विलुप्ति के बाद पुनर्जीवन का ब्लूप्रिंट प्रदान कर सकता है।
अत्यधिक टिकाऊ और विशाल क्षमता
यह क्रिस्टल 360 टेराबाइट तक डेटा संग्रहीत कर सकता है और अत्यधिक परिस्थितियों जैसे - 1,000 डिग्री सेल्सियस तापमान, ब्रह्मांडीय विकिरण, और प्रत्यक्ष प्रभाव का सामना कर सकता है। इसके अलावा, यह अरबों वर्षों तक सुरक्षित रह सकता है। इसे 2014 में "सबसे टिकाऊ डिजिटल भंडारण सामग्री" के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
5D डेटा स्टोरेज की तकनीक
शोधकर्ताओं ने अल्ट्रा-फास्ट लेजर तकनीक का उपयोग करके मानव जीनोम को क्रिस्टल के नैनोस्ट्रक्चर में 20 नैनोमीटर के छोटे स्थानों पर अंकित किया। डेटा को "5D" कहा जाता है क्योंकि यह नैनोस्ट्रक्चर की ऊंचाई, लंबाई, चौड़ाई, अभिविन्यास, और स्थिति जैसे पाँच आयामों में संग्रहीत होता है।
विलुप्त प्रजातियों के संरक्षण में मदद
टीम के प्रमुख प्रोफेसर पीटर कज़ान्स्की ने बताया कि यह तकनीक न केवल मानव जीनोम बल्कि विलुप्त होने की कगार पर खड़ी प्रजातियों के जीनोम को संरक्षित करने में भी मदद कर सकती है। उन्होंने कहा, "यह क्रिस्टल जीनोमिक जानकारी का स्थायी भंडार बन सकता है, जिससे भविष्य में विज्ञान की प्रगति के आधार पर जटिल जीवों को पुनर्स्थापित किया जा सकेगा।"
भविष्य के लिए चुनौतियां
हालांकि, इस डेटा को भविष्य में पढ़ने की तकनीकी चुनौतियां बनी हुई हैं। इंपीरियल कॉलेज लंदन के थॉमस हेनिस ने कहा, "भविष्य की पीढ़ियां कैसे समझेंगी कि इस क्रिस्टल को कैसे पढ़ा जाए या इसके लिए उपकरण कैसे बनाए जाएं?"
टाइम कैप्सूल में संग्रहित
फिलहाल, यह क्रिस्टल ऑस्ट्रिया की एक नमक गुफा में स्थित "मेमोरी ऑफ मैनकाइंड" आर्काइव में संग्रहीत है। इससे पहले, कज़ान्स्की की टीम ने इस तकनीक का उपयोग इसहाक असिमोव की "फ़ाउंडेशन" त्रयी और मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा जैसे ऐतिहासिक दस्तावेज़ों को संरक्षित करने के लिए किया था।
भविष्य की योजनाएं
इस तकनीक का उद्देश्य पृथ्वी की प्रजातियों को सुरक्षित रखना है। हाल ही में, वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर एक क्रायोजेनिक बायोरेपोजिटरी स्थापित करने की योजना का खुलासा किया, जो वैश्विक आपदा की स्थिति में पृथ्वी के जीवन को संरक्षित करने का एक प्रयास है।
यह 5D मेमोरी क्रिस्टल तकनीक न केवल मानव इतिहास और जीनोम को संरक्षित करने में क्रांतिकारी साबित हो रही है, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी धरोहर भी बन सकती है।
वैज्ञानिकों ने ‘5D मेमोरी क्रिस्टल’ पर संपूर्ण मानव जीनोम संग्रहीत किया, जो अरबों वर्षों तक जीवित रह सकता है
Place:
भोपाल 👤By: prativad Views: 193
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